ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

लोहड़ी पर न्यूजर्सी के श्री गुरुवयूरप्पन मंदिर में विशेष आयोजन, आस्था और उल्लास की धूम

मंदिर में लोहड़ी के आयोजन का उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना और भारत की विविध परंपराओं के अनुरूप लोगों को मातृभूमि से हजारों मील दूर अपने घर का एहसास कराना था।

न्यूजर्सी के मॉर्गनविले स्थित श्री गुरुवयूरप्पन मंदिर में पहली बार लोहड़ी का आयोजन हुआ।   / Facebook-Sri Guruvaayoorappan Temple

भारत से लेकर अमेरिका तक लोहड़ी की धूम रही। न्यूजर्सी के मॉर्गनविले स्थित श्री गुरुवयूरप्पन मंदिर में पहली बार उत्तर भारत का यह प्रमुख त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। 

न्यूजर्सी का श्री गुरुवयूरप्पन मंदिर अमेरिका में भारतीय समुदाय के लिए एक प्रमुख आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्र है। भगवान कृष्ण के एक रूप गुरुवयूरप्पन को समर्पित इस मंदिर में भक्ति और आस्था का अनूठा संगम दिखता है। यह भारतीय परंपराओं के जरिए भक्तों के बीच सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने में जुटा हुआ है।

मंदिर में लोहड़ी के आयोजन का उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना और भारत की विविध परंपराओं को संरक्षित करने के प्रयासों के तहत लोगों को अपनी मातृभूमि से हजारों मील दूर अपने घर का एहसास कराना था।

लोहड़ी के अवसर पर मंदिर में पारंपरिक तरीके से वैदिक यज्ञ का आयोजन हुआ और लोहड़ी अग्नि को दिव्य अग्निकुंड में प्रज्जवलित किया गया। इसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। इस आयोजन में मंदिर प्रबंधन, भक्तों और स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 

मंदिर के अध्यक्ष धर्मात्मा डॉ. येगना सुब्रमण्यम ने दिव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए भक्तों, स्वयंसेवकों और आयोजकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।  उन्होंने भारतीय प्रवासियों के बीच एकता को बढ़ावा देने और आगामी पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में इस तरह की आयोजनों के महत्व पर जोर दिया।

एनआरआई समुदाय के लिए इस तरह के कार्यक्रम उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मदद करते हैं। लोहड़ी उत्सव के आयोजन से श्री गुरुवयूरप्पन मंदिर ने विभिन्न क्षेत्रों और पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट करने के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुल की भूमिका निभाई।

Comments

Related