संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रस्ताव 1325 के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत ने सोमवार को महिला, शांति और सुरक्षा (WPS) एजेंडे को आगे बढ़ाने में अपने वैश्विक नेतृत्व की पुष्टि की जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अन्य वक्ताओं ने चेतावनी दी कि संघर्ष क्षेत्रों में महिलाओं को हिंसा और बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है।
दिन भर चली इस बहस को संबोधित करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक वर्षगांठ का जश्न नहीं मनाती, बल्कि एक परिवर्तनकारी क्षण का भी प्रतीक है जिसने शांति और सुरक्षा के बारे में हमारी समझ को मौलिक रूप से बदल दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति स्थापना में महिलाओं को शामिल करने की भारत की प्रतिबद्धता इस प्रस्ताव से दशकों पहले की है और 1960 के दशक में कांगो में महिला चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती को 'एक व्यावहारिक स्वीकृति' बताया, जो प्रभावी शांति स्थापना के लिए महिलाओं के दृष्टिकोण, कौशल और उपस्थिति की अनिवार्यता की ओर इशारा करती है।
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