लगभग दो महीने के अंतराल के बाद India Post ने अमेरिका के लिए सभी श्रेणियों की अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं 15 अक्टूबर से दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। यह निर्णय अमेरिका की नई कस्टम नीतियों के अनुरूप तैयार किए गए नए ड्यूटी-पेड सिस्टम के तहत लिया गया है।
भारत ने 22 अगस्त को इन सेवाओं को रोक दिया था जब वॉशिंगटन ने Executive Order 14324 के तहत डाक आयातों पर दी जाने वाली ‘de minimis’ छूट समाप्त कर दी थी।
नया सिस्टम पूरी तरह U.S. Customs and Border Protection (CBP) के नियमों के अनुरूप बनाया गया है। अब अमेरिका भेजे जाने वाले पार्सल्स पर लगने वाला इंपोर्ट ड्यूटी पहले ही भारत में वसूला जाएगा और इसे सीधे CBP को ‘क्वालिफाइड पार्टीज’ के माध्यम से भेजा जाएगा।
संचार मंत्रालय के अनुसार यह व्यवस्था नियमों के पूर्ण अनुपालन, तेज कस्टम क्लियरेंस और बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या देरी के पार्सल डिलीवरी सुनिश्चित करती है।
50% फ्लैट ड्यूटी, कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं
अमेरिका ने भारत से जाने वाले डाक आइटम्स पर FOB वैल्यू का 50% फ्लैट कस्टम ड्यूटी लगाने का नियम बनाया है। यह दर International Emergency Economic Powers Act (IEEPA) के तहत लागू की गई है। अब उत्पाद-विशिष्ट टैरिफ की जगह एक समान दर लागू होगी जिससे छोटे व्यापारियों के लिए पोस्टल एक्सपोर्ट्स सस्ते पड़ेंगे।
भारत पोस्ट ने कहा है कि वह Delivery Duty Paid (DDP) सिस्टम के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा। डाक टैरिफ पहले जैसे ही रहेंगे। अधिकारियों के मुताबिक यह MSME, कारीगरों और ई-कॉमर्स विक्रेताओं के लिए बड़ी राहत है जो कम लागत और पारदर्शी लॉजिस्टिक्स पर निर्भर रहते हैं।
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा
नया DDP सिस्टम Ease of Doing Business को आसान बनाएगा क्योंकि अब ग्राहक बुकिंग के समय ही सभी शुल्क प्रीपेड कर सकेंगे जिससे अमेरिका में पार्सल तेजी से डिलीवर होगा।
अब Express Mail Service (EMS), Air Parcels, Registered Letters और Tracked Packets जैसी सेवाएं दोबारा शुरू हो गई हैं, जिन्हें किसी भी पोस्ट ऑफिस, इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर या डाकघर निर्यात केंद्र (DNK) से बुक किया जा सकता है। विभाग ने अपने क्षेत्रीय प्रमुखों को निर्यातकों और उद्यमियों के बीच नए सिस्टम की जानकारी और फायदे बताने के लिए जागरूकता अभियान चलाने को कहा है।
निर्यातकों के लिए रणनीतिक कदम
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला भारत की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत देश अपने निर्यात चैनलों को बदलते वैश्विक व्यापारिक नियमों से सुरक्षित करना चाहता है।
एक वरिष्ठ व्यापार विश्लेषक ने कहा कि India Post की तेज प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि छोटे निर्यातकों और डिजिटल ट्रेड के लिए पोस्टल नेटवर्क कितना अहम बन गया है। बदलते टैरिफ और प्रोटेक्शनिज्म के दौर में DDP जैसे मॉडल भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनाए रख सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल भारत की अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक क्षमता को मजबूत करने और निर्यात-आधारित विकास में इंडिया पोस्ट की भूमिका को रेखांकित करती है।
अमेरिका भारत के सबसे बड़े निर्यात बाज़ारों में से एक है। ऐसे में अमेरिका के साथ डाक सेवा बहाली से सरकार का लक्ष्य है कि छोटे निर्यातक वैश्विक सप्लाई चेन से जुड़े रहें भले ही दुनिया में कस्टम नियम और व्यापार ढांचे लगातार बदल रहे हों।
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