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Rishihood University ने MIT में आयोजित किया 'ग्लोबल मेंटल हेल्थ राउंडटेबल'

इस राउंडटेबल में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया, मेसाचूसेट जनरल हॉस्पिटल और MIT जैसे प्रमुख संस्थानों के वैज्ञानिक, शोधकर्ता, हेल्थकेयर इनोवेटर्स और सिस्टम लीडर्स शामिल हुए।

Rishihood University ने आयोजित किया 'ग्लोबल मेंटल हेल्थ राउंडटेबल' / Courtesy: Rishihood University

भारत के पहले नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन पर केंद्रित विश्वविद्यालय Rishihood University ने MIT सेनबर्ग कान्फ्रेंस सेंटर में एक उच्चस्तरीय मेंटल हेल्थ राउंडटेबल का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के नए लॉन्च किए गए महेश नवानी स्कूल ऑफ ब्रेन एंड बिहेवियर की वैश्विक दृष्टि को आकार देना था।

यह भारत का पहला एंडाउड और इंटरडिसिप्लिनरी स्कूल है जो न्यूरोसाइंस, बिहेवियरल साइंस, पारंपरिक ध्यान-योग परंपराओं और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों का समाधान करने पर केंद्रित है।

इस राउंडटेबल में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया, मेसाचूसेट जनरल हॉस्पिटल और MIT जैसे प्रमुख संस्थानों के वैज्ञानिक, शोधकर्ता, हेल्थकेयर इनोवेटर्स और सिस्टम लीडर्स शामिल हुए। बोस्टन की इनोवेशन इकॉनमी से जुड़े कई हेल्थकेयर एंटरप्रेन्योर्स ने भी भाग लिया।

इस राउंडटेबल में किशोरों और युवाओं में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट, प्राचीन ध्यान परंपराओं और आधुनिक मस्तिष्क विज्ञान का एकीकरण, वेल-बीइंग के लिए नए रिसर्च और इंटरवेंशन मॉडल और भारत से एक वैश्विक स्तर की शैक्षणिक संस्था का निर्माण पर जोर दिया गया।

कार्यक्रम के दौरान एडोलसेंट मेंटल हेल्थ पर एक व्हाइटपेपर भी जारी किया गया जो MaNaS यानी महेश नवानी स्कूल ऑफ ब्रेन एंड बिहेवियर के शुरुआती फोकस को उजागर करता है।

Rishihood के फाउंडर और ई-क्लीनिकल वर्कस के COO महेश नवानी और फाउंडर व Cohance Lifesciences के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन विवेक शर्मा ने MaNaS की दीर्घकालिक दृष्टि साझा की और बताया कि मानसिक स्वास्थ्य नवाचार में भारत की नेतृत्व भूमिका क्यों आवश्यक है।

Northeastern University की डॉ. अंबिका बाजपेयी ने भी इस राउंडटेबल का संचालन किया। अंबिका Rishihood की सह-संस्थापक भी हैं। इस चर्चा में 20 से अधिक वैश्विक विशेषज्ञों ने भाग लिया जिनमें प्रो. सारा लाजर, प्रो. सत बीर खालसा, डॉ. मोइत्री सिन्‍हा और प्रो. योगेश राठी शामिल थे।

Rishihood University के CEO और को-फाउंडर साहिल अग्रवाल ने कहा कि मेंटल वेल-बीइंग हमारे समय का अदृश्य संकट है। अगर हमें चेतना, नवाचार और युवा परिवर्तन में दुनिया का नेतृत्व करना है तो हमें MaNaS जैसे विश्वस्तरीय संस्थान बनाने होंगे जो विज्ञान, सिस्टम और आत्मा तीनों को जोड़ते हैं। यह आयोजन बोस्टन में Rishihood University की बढ़ती उपस्थिति और उसके वैश्विक शैक्षणिक एवं परोपकारी नेटवर्क में विस्तार को दर्शाता है।

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