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US में मना ‘Festival of Bliss’, भक्ति और सेवा का संगम

अपने प्रवचन में पूज्य गुरुदेवश्री ने कहा, मानव जन्म और मानव जीवन में फर्क तब समझ आता है, जब हम अपने जीवन को आनंद का उत्सव बना दें।

Festival of Bliss Celebration / image provided

राजचंद्र स्पिरिचुअल सेंटर USA (SRSC USA) में फेस्टिवल ऑफ ब्लिस यानी आनंद उत्सव का आयोजन हुआ। यह तीन दिन का विशेष कार्यक्रम 26 से 28 सितंबर 2025 तक चला। इस मौके पर केंद्र के संस्थापक गुरुदेव राकेशजी के 60वें जन्मोत्सव की शुरुआत भक्तिभाव और उल्लास के साथ मनाई गई।

कार्यक्रम की शुरुआत संगीतमय भक्ति समर्पण से हुई, जिसमें देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरुदेवश्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। झील किनारे हुए भव्य आराधना समारोह ने पूरे माहौल को आध्यात्मिक बना दिया।

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अपने प्रवचन में पूज्य गुरुदेवश्री ने कहा, मानव जन्म और मानव जीवन में फर्क तब समझ आता है, जब हम अपने जीवन को आनंद का उत्सव बना दें। जागृति और सही विवेक से ही सच्चा जीवन संभव है। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि सांसारिक उलझनों के बीच भी सच्चा साधक वैराग्य और समर्पण से रह सकता है।

 

कार्यक्रम की झलकियां। / image provieded

मुख्य आकर्षण
‘फेस्टिवल ऑफ ब्लिस’ का सबसे बड़ा आकर्षण रहा पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी का 60वां जन्मोत्सव, जो भक्ति, आभार और आत्मिक ऊर्जा से भरपूर माहौल में मनाया गया। कार्यक्रम में पूज्य गुरुदेव ने आध्यात्मिक प्रवचन के माध्यम से जीवन में जागृति और शांति का संदेश दिया। शाम को आयोजित संगीतमय संध्या में प्रसिद्ध गायक सचिन सांगवी ने भक्ति गीतों से माहौल को और भी भावपूर्ण बना दिया।

इस अवसर पर मेगा सेवा अभियान के तहत स्वयंसेवकों ने दुनिया भर के जरूरतमंदों के लिए 1 लाख से अधिक भोजन पैक किए। वहीं, हेल्थ एंड वेलनेस फेस्ट में स्थानीय समुदाय के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच और वेलनेस वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें 250 से अधिक लोगों ने भाग लिया। पूज्य गुरुदेव ने तीन साधकों को आत्मर्पित दीक्षा भी प्रदान की। अंत में, इवनिंग ऑफ ग्रैटिट्यूड के दौरान सेवा और करुणा के भाव को समर्पित श्रद्धांजलि दी गई। इस पूरे उत्सव में भक्ति, सेवा और आत्मिक विकास की झलक साफ नजर आई, जिसने श्रद्धालुओं के दिलों में शांति और आनंद भर दिया।

 

कार्यक्रम की झलकियां। / image provided

कार्यक्रम के अंत में इवनिंग ऑफ ग्रैटिट्यूड के जरिए सेवा और करुणा के भाव को समर्पित श्रद्धांजलि दी गई। इस पूरे उत्सव में भक्ति, सेवा और आत्मिक विकास की झलक साफ नजर आई, जिसने श्रद्धालुओं के दिलों में शांति और आनंद भर दिया।

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