भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उनके परिवार ने दावा किया है कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और उनकी पत्नी माता साहिब कौर जी ने अपने पवित्र “जोड़ साहिब” को पुरी परिवार को सौंपा था। यह पवित्र वस्तु तीन शताब्दियों से उनके परिवार के संरक्षण में है।
पुरी ने अपने X हैंडल पर लिखा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सिख संगत के कई गणमान्य सदस्यों की समिति के साथ मिलकर “जोड़ साहिब” की सुरक्षा और उचित प्रदर्शन के लिए सिफारिशें प्रस्तुत की हैं।
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पुरी ने बताया कि “जोड़ साहिब” गुरु गोबिंद सिंह जी के दाहिने पैर (11 इंच × 3½ इंच) और माता साहिब कौर जी के बाएं पैर (9 इंच × 3 इंच) के पवित्र जूते हैं। पुरी परिवार ने इन पवित्र वस्तुओं के साथ सेवा और आशीर्वाद प्राप्त किया है।
पुरी ने आगे लिखा कि उनके पूर्वज को गुरु जी की प्रत्यक्ष सेवा का आशीर्वाद मिला था और गुरु जी ने उन्हें इन पवित्र वस्तुओं को अपने परिवार में रखने की अनुमति दी। “जोड़ साहिब” के अंतिम संरक्षक उनके कजिन सरदार जसमीत सिंह पुरी जी थे, जिनका निवास दिल्ली के करोल बाग में था और इस सड़क का नाम बाद में ‘गुरु गोबिंद सिंह मार्ग’ रखा गया।
पुरी ने बताया कि उनकी कज़िन की पत्नी मनप्रीत जी ने उन्हें निर्देश दिया कि इन पवित्र वस्तुओं के लिए ऐसा स्थान चुना जाए, जहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन कर सकें। इसके बाद संस्कृति मंत्रालय द्वारा वस्तुओं की जांच और कार्बन टेस्टिंग कर उनकी प्रामाणिकता और धार्मिक महत्व की पुष्टि की गई।
हालांकि, सिख समुदाय में इस पवित्र “जोड़ साहिब” को रखने के लिए जगह का चयन अभी चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ सिख विद्वान इसे अमृतसर, आनंदपुर साहिब, पटना साहिब या नई दिल्ली में किसी प्रमुख संग्रहालय में सुरक्षित प्रदर्शन करने की मांग कर रहे हैं।
पुरी ने अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए लिखा कि उन्होंने हमेशा सिख धर्म और संगत के प्रति सम्मान और स्नेह दिखाया है और धार्मिक स्थलों के विकास और तीर्थ स्थलों की पहुंच बढ़ाने में व्यक्तिगत रुचि ली है।
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