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बीमा... एक मकड़जाल

दूसरी महत्वपूर्ण चीज कि कई बार हम सिर्फ डॉक्टर और हॉस्पिटल का ही बीमा लेते है, दवाइयों को बीमा लेना भूल जाते हैं। यह भी अच्छी खासी बजट लूटने वाली होती हैं। इसका भी ध्यान रखें।

सांकेतिक चित्र / Courtesy : Tapasya Chaubey

अमेरिका में उपचार बेहद महंगा है। ऐसे में अगर हेल्थ इंश्योरेंस न हो तो आप परेशान हो सकतें हैं। आर्थिक स्थिति हिल सकती है। यूरोपीय देश की तरह न ही यहां उपचार फ्री है और न ही भारत की तरह सस्ता। भारत में सस्ता कहने से मेरा मतलब वहां हर प्रकार के हॉस्पिटल मौजूद हैं। बिना बीमा भी मध्यवर्गीय या निम्न मध्यवर्गीय इलाज करा सकता है। लेकिन यहां अमेरिका में बिना बीमा के आप लुट जाएंगे या कई हॉस्पिटल आपको भर्ती करने से पहले 100 सवाल-जबाब करेंगे। यहां बीमा के भी कई प्रकार हैं जैसे... 

नियोक्ता प्रायोजित बीमा: यह नौकरीपेशा लोगों के लिए है जो वह कंपनी आपको दे सकती है जहां आप काम कर रहे हैं। यह सबसे सस्ता और आसान विकल्प है। सस्ता होते हुए भी इसके लिए आपको एक ठीक-ठाक रकम हर महीने भरनी पड़ती है। 

मार्केटप्लेस बीमा (ACA): अफोर्डेबल केयर एक्ट (ACA) के तहत अमेरिकी सरकार कुछ सब्सिडी वाली योजनाएं प्रदान करती है। इसमें आम नागरिक के अलावा ओल्ड ऐज, डिसेबल लोगों के लिए कुछ योजनाएं होती हैं। इसके बारे में आप Healthcare.gov पर जाकर राज्य के अनुसार योजनाएं देख सकते हैं। 

निजी बीमा योजनाएं: यह बीमा उनके लिए है जिनकी कंपनी बीमा नहीं दे रही है या आप स्व- नियोजित हैं, तो आप सीधे United Healthcare, Aetna, Blue Cross जैसी कंपनियों से योजना प्राप्त कर सकते हैं। वैसे, यूनाइटेड हेल्थकेयर अमेरिका की टॉप हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी है। 

अगर आप अमेरिका में नए हैं तो बीमा लेते वक्त कुछ महत्वपूर्ण चीजों को ध्यान में रखना चाहिए। जैसे, आपकी जरूरत, परिवार को ध्यान में रखते हुए फैमिली प्लान कर रहें हैं या अगर बच्चें हैं तो सबसे टॉप बीमा लें। 90/10 बेस्ट रहेगा जिसमें कंपनी 90 % पे करेगी और आपको 10% पे करना होगा। 80/20 भी ठीक है। 

दवाइयों का बीमा
दूसरी महत्वपूर्ण चीज कि कई बार हम सिर्फ डॉक्टर और हॉस्पिटल का ही बीमा लेते है, दवाइयों को बीमा लेना भूल जाते हैं। यह भी अच्छी खासी बजट लूटने वाली होती हैं। मेरा अनुभव रहा है कि एक बार एयर प्रेशर की वजह से मेरे कान में भारीपन हो गया।

ऐसे में हमारे बीमा में यह सुविधा है कि डॉक्टर को कॉल करके अपना छोटा-मोटा रोग बताओ और वह दवा फार्मेसी को भेज देगा। यानी हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं। ऐसे में डॉक्टर ने जो कान में डालने वाला ड्रॉप दिया वह करीब 120-125 डॉलर का था। वह तो शुक्र है कि हमारी बीमा कंपनी ने 90% भरे वरना मन कचोटता रहता कि इतना छोटा ड्रॉप और इतना लूट लिया। 

कुल मिलाकर यहां स्वास्थ्य और स्वास्थ्य बीमा का बड़ा मकड़जाल है। यही वजह है की आप देखते या सुनते हैं- अमेरिका से लोग भारत इलाज को जाते हैं... 

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