 'अमेरिकन वॉरियर' परिवर्तन, साहस और संस्कृतियों के बीच सेतु बनाने की एक शक्तिशाली कहानी बनकर उभरी है। / Press Information Bureau
                                'अमेरिकन वॉरियर' परिवर्तन, साहस और संस्कृतियों के बीच सेतु बनाने की एक शक्तिशाली कहानी बनकर उभरी है। / Press Information Bureau 
            
                      
               
             
            55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) ने 'अमेरिकन वॉरियर' नाम की एक अमेरिकी फिल्म दिखाकर दुनिया भर के दर्शकों को एक साथ लाया। ये फिल्म पुनर्वास, लचीलापन और प्रवासी जीवन जैसे विषयों पर केंद्रित है। गुस्तावो मार्टिन द्वारा निर्देशित फिल्म एक भारतीय-अमेरिकी पूर्व शौकिया एमएमए सेनानी और पूर्व-अपराधी जय की कहानी है। एक डकैती को नाकाम करने के बाद वह स्थानीय हीरो बन जाता है।
विशी अय्यर और टेलर ट्रेडवेल अभिनीत इस फिल्म ने दूसरे मौके और सांस्कृतिक पहचान के अपने चित्रण के लिए ध्यान खींचा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिल्म के प्रतिनिधियों- जिसमें मुख्य अभिनेता अय्यर, अभिनेत्री ट्रेडवेल और निर्माता क्रिस्टी कूर्स बेस्ली और रिषाना शामिल थे। इन्होंने इस दौरान फिल्म की कहानी और भावनात्मक प्रभाव पर चर्चा की।
अय्यर ने कहा, यह सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह मेरे लचीलेपन की कहानी है। उन्होंने इस भूमिका के लिए अपने खुद के जीवन के अनुभवों का इस्तेमाल किया। आर्थिक संकट के दौरान करोड़ों डॉलर का व्यवसाय खोने और अलगाव का सामना करने के बाद उन्होंने प्रेरणा के लिए आध्यात्मिकता और गीता की शिक्षाओं की ओर रुख किया।
उन्होंने कहा कि इस व्यक्तिगत यात्रा ने जय की कहानी को आकार दिया। एक ऐसा किरदार जो व्यक्तिगत संघर्षों और सामाजिक अपेक्षाओं से जूझ रहा है। मेलिसा, एक सिंगल मदर, की भूमिका निभाने वाली ट्रेडवेल ने फिल्म की भावनात्मक गहराई पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, अमेरिकन वॉरियर प्यार और दूसरे मौके की ताकत दिखाता है। उन्होंने एक्शन और इसके पात्रों के भावनात्मक संघर्षों के बीच इसके संतुलन पर जोर दिया।
निर्माता रिषाना ने फिल्म को प्रवासी अनुभव में एक झरोखा बताया, जिसमें भारतीय-अमेरिकियों की चुनौतियों और आकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा, यह लचीलापन और आशा के सार्वभौमिक विषयों को पकड़ता है जबकि अक्सर अनदेखी की जाने वाली कहानियों पर प्रकाश डालता है।
फिल्म बनाने ने यथार्थवाद पर जोर दिया गया है। जिसमें अय्यर ने लड़ाई के दृश्यों में प्रामाणिकता लाने के लिए एक पेशेवर UFC फाइटर के अधीन कठोर MMA प्रशिक्षण लिया। यह फिल्म अच्छी तरह से गढ़े हुए महिला पात्रों सहित मजबूत महिला प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करके रूढ़िवादिता को भी चुनौती देती है।
इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पहले ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें दर्शक इसके परिवर्तन और दृढ़ता के विषयों से जुड़ रहे हैं। निर्माता बेस्ली ने बताया कि यह फिल्म अमेरिकी जीवन के ग्लैमराइज्ड चित्रण से अलग एक कठोर, प्रामाणिक कहानी को चुनती है।
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