ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

हार्वर्ड में विदेशी छात्रों पर संकट टला, ट्रम्प प्रशासन ने दी 30 दिन की मोहलत

हार्वर्ड में विदेशी छात्रों पर संकट फिलहाल टल गया है। ट्रम्प प्रशासन ने विश्वविद्यालय को 30 दिनों की मोहलत दी है।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय / Reuters

डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने का अधिकार तुरंत वापस लेने की योजना पर फिलहाल रोक लगा दी है और अब विश्वविद्यालय को 30 दिनों की मोहलत दी गई है ताकि वह इस निर्णय के खिलाफ औपचारिक प्रक्रिया के तहत अपना पक्ष रख सके।

इससे पहले 28 मई को यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने हार्वर्ड को एक नोटिस भेजा जिसमें बताया गया कि उसका छात्र एवं विनिमय आगंतुक कार्यक्रम (SEVP) में पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। DHS ने यह कदम ऐसे समय में उठाया जब 29 मई को यूएस डिस्ट्रिक्ट जज एलिसन बरोज़ के समक्ष इस मुद्दे पर सुनवाई होनी थी। सुनवाई के दौरान जज एलिसन बरोज़ ने कहा कि वे एक अंतरिम आदेश जारी करेंगी जिससे यथास्थिति बनी रहेगी और हार्वर्ड को प्रशासनिक अपील प्रक्रिया पूरी करने का अवसर मिलेगा।

यह भी पढ़ें- ट्रम्प प्रशासन की नजर भारत के बढ़ते सैन्य बाजार पर, कही यह बात

हार्वर्ड का आरोप: "शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला"
हार्वर्ड ने तर्क दिया कि यह निर्णय न केवल संवैधानिक फ्री स्पीच और ड्यू प्रोसेस अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि DHS की अपनी ही नियमावली के खिलाफ है जिसमें 30 दिन की प्रतिक्रिया और अपील की अनुमति दी जाती है। विश्वविद्यालय के अनुसार, यह निर्णय उसके अंतरराष्ट्रीय छात्रों, जो कुल छात्र संख्या का लगभग 27% हैं, पर विनाशकारी प्रभाव डालेगा।

DHS और क्रिस्टी नोएम का आरोप
होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा, "हम हार्वर्ड की उस दोहराई जाने वाली प्रवृत्ति को अस्वीकार करते हैं जिससे वह अपने छात्रों को खतरे में डालता है और अमेरिका के खिलाफ नफरत फैलाता है। जब तक यह विश्वविद्यालय अपने तौर-तरीकों में बदलाव नहीं करता, तब तक इसे अमेरिकी जनता से मिलने वाले विशेषाधिकारों का लाभ नहीं मिलना चाहिए।"

नोएम ने यह भी आरोप लगाया कि हार्वर्ड ने उसके द्वारा मांगी गई सूचनाओं को देने से इनकार किया, जिनमें विदेशी छात्रों की गैरकानूनी या अनुशासनात्मक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी शामिल थी। साथ ही उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय, कट्टरपंथ और यहूदी विरोध जैसे गंभीर आरोप भी लगाए, जिनके लिए कोई सार्वजनिक साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया। 28 मई को ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को गैर-अमेरिकी छात्रों की संख्या को 15% तक सीमित करना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर असर
अगर यह निर्णय स्थायी होता है तो हार्वर्ड नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगा। वर्तमान छात्रों को या तो अन्य संस्थानों में स्थानांतरित होना होगा या अपनी वैध स्थिति खोनी होगी। विश्वविद्यालय ने कहा कि इस निर्णय से न केवल उसकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा पर आघात होगा, बल्कि हजारों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा। फिलहाल हार्वर्ड की ओर से इस मुद्दे पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

यह मामला अब न्यायालय में लंबी प्रक्रिया का हिस्सा बन गया है। हार्वर्ड ने एक अलग मुकदमा भी दायर किया है जिसमें ट्रंप प्रशासन द्वारा लगभग $3 अरब के संघीय अनुसंधान फंडिंग को समाप्त करने की वैधता को चुनौती दी गई है।

Comments

Related

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video