22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ एक दर्दनाक हमला, पूरी दुनिया के हिंदू समुदाय को झकझोर गया। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ के हमलावरों ने निर्दोष हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया और 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री को पत्र लिखकर पाकिस्तान को "आतंकी देश" घोषित करने की मांग की है। पत्र में बताया गया है कि किस तरह पाकिस्तान की ISI, लश्कर-ए-तैयबा और TRF जैसे संगठनों को वित्तीय और सैन्य मदद देती है, जो भारत में हिंदुओं को लक्ष्य बनाकर आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं।
आतंकियों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान की जांच कर उन्हें मार डाला — उनसे कलमा पढ़वाया गया, धर्म-आधारित सवाल पूछे गए, और हिंदू पहचान की पुष्टि होते ही उन्हें गोली मार दी गई।
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पत्र में अमेरिका से यह मांग की गई है-
पाकिस्तान को राज्य प्रायोजक आतंकवादी देश घोषित किया जाए
ISI और उसके प्रमुख को आतंकवादी सूची में डाला जाए
F-16 की सहायता पर रोक लगे
भारत और दक्षिण एशिया में अमेरिकी नीति को दृढ़ बनाया जाए
HAF ने इस हमले को “हिंदू विरोधी नरसंहार” बताते हुए अमेरिकी सरकार से 8 अहम मांगें की हैं, जिनमें पाकिस्तान को ‘आतंकी प्रायोजक देश’ घोषित करना, ISI को विदेशी आतंकी संगठन करार देना, और पाकिस्तान के F-16 फंडिंग पर रोक लगाना शामिल है।
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