अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बने 100 दिन पूरे हो चुके हैं। यूएस में नई सरकार के आते ही कई बड़े फैसले लिए गए। जिसमें कुछ ऐसे निर्णय हैं, जो दक्षिण अफ्रीकी मूल के प्रवासियों नहीं भा रहे है। एक ताजा सर्वे में ट्रम्प सरकार के पिछले 100 दिनों को कार्यों के फीडबैक को आधार मानकर किए गए एक सर्वे में बड़ा दावा किया गया है। ये सर्वे इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट द्वारा हाल ही में किया गया है। सर्वे के नतीजों को मुताबिक, 87% दक्षिण एशियाई लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नापसंद करते हैं।
87 प्रतिशत दक्षिण एशियाई अमेरिका में चिंतित: सर्वे
इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट द्वारा हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के 100 से अधिक दक्षिण एशियाई अमेरिकियों से मतदान किया गया। सर्वे का रिजल्ट आने पर पता चला कि बड़ी संख्या में उत्तरदाताओं ने डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अब तक के कार्यों को नापसंद किया। सर्वे में दावा किया गया है कि सर्वेक्षण में, दक्षिण एशियाई अमेरिकियों ने राष्ट्रपति ट्रंप के शासन में सुरक्षा, आर्थिक अस्थिरता और लोकतंत्र के लिए खतरों पर भय व्यक्त किया। सर्वे में दावा किया गया है कि 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अब तक के कार्यों को नापसंद किया है। अमेरिका में प्रवास कर रहे दक्षिण एशियाई लोगो में ट्रंप सरकार के निर्णयों से निराशा है। सर्वे में मुताबिक कई मुद्दों को लेकर यूएस में दक्षिण एशियाई लोग चिंतित हैं।
इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे को लेकर दावा किया जा रहा है कि यूएस में 87 प्रतिशत दक्षित एशियाई उत्तरदाताओं ने डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अब तक के कार्यों को नापसंद किया है।
क्या है वजह?
सर्वे के मुताबिक ट्रम्प सरकार को लेकर दक्षिण एशियाई लोगों में आर्थिक नीतियां, आव्रजन दमन और संघीय एजेंसियों को महत्वपूर्ण वित्त पोषण कटौतियों से जुड़े निर्णय हैं। वहीं दूसरी ओर दक्षिण एशियाई लोगों के एक छोटे से समूह ने अल्पसंख्यकों के प्रति ट्रंप सरकार को रूख को उचित ठहराया है। कुछ लोगों के लिए, ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन एक तरह की मान्यता प्रदान करते हैं।
सर्वे में शामिल एक उत्तरदाता ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प वही कर रहे हैं जो उन्होंने वादा किया था। उन्होंने मौजूदा अमेरिकी सरकार की आव्रजन नीति समेत और शुल्कों को लेकर लागू किए गए नए प्रावधानों की सराहना की। जूबकि एक दूसरे ने कहा कि अधिकांश राजनेताओं के विपरीत, वह कार्य करने से डरते नहीं हैं। ट्रंप नीतिगत परिवर्तनों को लागू करने में बड़ी मजबूती के साथ रुचि दिखाते हैं।
सर्वे के दौरान एक सवाल एक सवाल के जवाब में अमेरिका में रह रहे एक दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकी ने ट्रम्प सरकार की नीतियों को लेकर अपने भविष्य के बारे में असुरक्षित और अनिश्चित महसूस करने की बात की। उसने कहा, "मैंने 25 पाउंड वजन कम किया... मैं कुछ समय के लिए SSRI ले रहा था, जो एक ऐसी दवा है जिस पर RFK जूनियर प्रतिबंध लगाना चाहता है और लोगों को वर्क कैंप में डालकर SSRI से दूर करना चाहता है। मुझे भी ऐसी किसी सूची में शामिल होने की चिंता है।"
एक उत्तरदाता ने अपनी टिप्पणी में ट्रंप सरकार पर बड़े सवाल खड़े किए। उत्तरदाता ने कहा कहा, "यह सब तख्तापलट, एक सत्तावादी अधिग्रहण, लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक स्पष्ट खतरा है। ट्रम्प का आर्थिक एजेंडा चिंता का एक और लगातार स्रोत बनकर उभरा। टैरिफ की धमकियां बिल्कुल बेवकूफी भरी हैं, मुझे अपने 4 करोड़ एक लाख का नुकसान हुआ है।"
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