पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकवाद को पनाह देना पाकिस्तान के लिए अब टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। भारत ने एक फिर से पाकिस्तान की नापाक साजिशों तो उसके अंजाम तक पहुंचाया है। बीती रात पीओके में पाकिस्तान प्रायोजित आतंक की रीढ़ तोड़ते हुए भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए कई मिसाइल दागे। भारत की इस प्रायोजित स्ट्राइक से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है। सीमा पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में कई देशों की सरकार को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दोशों से अपील की है।
भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर के बाद वैश्विक नेताओं गहरी चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा, "महासचिव नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया है। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।"
उम्मीद है भारत- पाकिस्तान करेंगे शांतिपूर्ण पहल
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "मैं भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा हूं। उम्मीद है कि यह जल्दी खत्म हो जाएगा और शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व प्रयास करेगा।"
बातचीत के माध्यम से हो समाधान: जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने 22 अप्रैल के हमले की निंदा की। उन्होंने भारत की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा, "22 अप्रैल को कश्मीर में हुए आतंकवादी कृत्य के संबंध में, हमारा देश आतंकवाद के ऐसे कृत्यों की दृढ़ता से निंदा करता है। इसके अलावा, हम इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं कि यह स्थिति आगे चलकर जवाबी कार्रवाई को बढ़ावा दे सकती है और बड़े पैमाने पर सैन्य संघर्ष में बदल सकती है। दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिए, हम भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित करने का आग्रह करते हैं।"
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स्थिरता के लिए शांतिपूर्ण हल जरूरी:UAE
संयुक्त अरब अमीरात ने भी भारत औक पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर प्रतिक्रिया दी। यूएई के विदेश मामलों के उप प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने एक बयान में दोनों देशों से संयम बरतने, तनाव कम करने का आह्वान किया। एक बयान में उन्होंने कहा, " कूटनीति और संवाद संकटों को शांतिपूर्ण ढंग से हल शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए राष्ट्रों प्रभावी उपाय है।"
कूटनीतिक तौर से निपटना बेहतर: गेराल्ड ई. कोनोली
वहीं अमेरिकी विदेश मामलों की सदन समिति के वरिष्ठ सदस्य हैं गेराल्ड ई. कोनोली (डी-वीए) ने कश्मीर में नागरिकों पर हमले की निंदा की और कूटनीतिक तौर से स्थिति ने निपटने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "22 अप्रैल को, निर्दयी आतंकवादियों ने भारत प्रशासित कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों को मार डाला, जिसकी मैं कड़ी निंदा करता हूँ। इसके बाद, भारत और पाकिस्तान ने राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं, और भारत ने पाकिस्तान में सैन्य हमले किए हैं। मैं भारत और पाकिस्तान से दृढ़ता से आग्रह करता हूं कि वे तनाव कम करने, कूटनीतिक बातचीत करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए फिर से प्रतिबद्ध हों। आगे संघर्ष आतंकवाद के पीड़ितों की वकालत करने का तरीका नहीं है।"
पाकिस्तान तनाव को कम करे: ब्रैड शेरमेन
सदन की विदेश मामलों की समिति के एक और वरिष्ठ सदस्य ब्रैड शेरमेन ने कहा, "हमें सशस्त्र संघर्ष और तनाव को बढ़ाने से बचना चाहिए। भारत ने दुनिया को इस बात के पुख्ता सबूत नहीं दिए हैं कि कश्मीर में भयानक आतंकवादी हमला पाकिस्तानी सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों का नतीजा था। उम्मीद है कि पाकिस्तानी सरकार इस संकट को और नहीं बढ़ाएगी और उसकी अगली प्रतिक्रिया तनाव कम करने के विषय पर केंद्रित होगी।"
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