ADVERTISEMENT

अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हमले को लेकर भारतीय मूल के सांसदों के समूह ने जताई चिंता

रो खन्ना, श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और अमी बेरा समूह ने न्याय विभाग को पत्र लिखकर हिंदुओं मंदिरों पर हालिया घटनाओं की चल रही जांच पर रुख साफ करने और हिंदुओं के खिलाफ हेट क्राइम से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि हमले की ऐसी घटनाएं एक समुदाय के भीतर भय पैदा करने के लिए किया जाता है।

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधियों ने डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को पत्र लिखा है। / Veronica

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधियों ने हिंदू पूजास्थलों पर हुए हालिया हमलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। कहा गया है कि विशेष रूप से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। रो खन्ना, श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और अमी बेरा समूह ने डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ ) को पत्र लिखकर इन घटनाओं की चल रही जांच पर रुख साफ करने और हिंदुओं के खिलाफ हेट क्राइम से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने की मांग की है।

समूह ने लिखा है कि न्यूयॉर्क से कैलिफोर्निया तक के मंदिरों में हुए हमलों ने हिंदू-अमेरिकियों के बीच सामूहिक चिंता को बढ़ाने का काम किया है। पत्र में कहा गया है कि इन प्रभावित समुदायों के नेताओं ने चिंता जताई है कि दुर्भाग्य से इस मामले में पुलिस संदिग्धों पर कोई सुराग नहीं लगा पाई है, जिससे कई लोग डर और धमकी के साये में जी रहे हैं।

पत्र में संदिग्धों की पहचान करने में हीलाहवाली को रेखांकित किया गया है, जिससे प्रभावित समुदायों को भय और अनिश्चितता की स्थिति में छोड़ दिया गया है। पत्र में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय और कानून के तहत समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघीय निरीक्षण की आवश्यकता को लेकर सवाल उठाए गए हैं।

पत्र में कहा गया है कि हमले की ऐसी घटनाएं एक समुदाय के भीतर भय पैदा करने के लिए किया जाता है। हमें अमेरिका में सभी धार्मिक, जातीय, नस्लीय और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत का मुकाबला करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करना चाहिए। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप हमें यह समझने में मदद करें कि अमेरिका में हिंदुओं को निशाना बनाने वाले घृणा अपराधों के संबंध में विभाग की रणनीति क्या है।

पत्र में अपने सभी रूपों में नफरत का मुकाबला करने के लिए सहयोगी प्रयासों के महत्व पर जोर दिया गया है। हिंदुओं को लक्षित करने वाले घृणा अपराधों को संबोधित करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ ) के दृष्टिकोण के बारे में पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल देते हैं। उन्होंने इस मामले पर तत्काल ब्रीफिंग की मांग की है।

फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद ने कहा कि भारतीय प्रवासियों और दक्षिण एशियाई समुदायों के बीच बढ़ती चिंता के समय संघीय हस्तक्षेप के लिए यह अपील की गई है।

उन्होंने कहा कि 2024 की शुरुआत में हमने अमेरिका में गुरुवारों, मंदिरों में चोरी में अचानक वृद्धि देखी, जिससे भक्तों को डराया गया। स्थानीय अधिकारियों द्वारा अक्सर अपराधियों को खोजने के लिए मामलों की जांच करने में विफल रहने की पृष्ठभूमि पर हम भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधि सभा को धन्यवाद देते हैं जो FBI और DOJ को जांच करने के लिए कह रहे हैं।

कंद ने कहा कि हमें उम्मीद है कि एफबीआई/डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ ) शांतिप्रिय भारतीय प्रवासियों को उनकी सुरक्षा और धर्म की स्वतंत्रता के बारे में आश्वस्त करने के लिए इस तरह के हमलों के पीछे मौजूद किसी भी अभियान या साजिश का पता लगाने के लिए जांच करेगा।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related