वरिष्ठ भारतीय राजनयिक सुरेंद्र अधाना ने फिर संयुक्त राष्ट्र सलाहकार समिति के चुनाव में सफलता हासिल की है। अधाना एक अनुभवी राजनयिक रह चुके हैं। इससे पहले वे राष्ट्रीय स्तर के प्रशासनिक पद पर भी रह चुके हैं। COVID-19 महामारी के दौरान, उन्होंने दिल्ली में भारत के सबसे बड़े पासपोर्ट कार्यालय का नेतृत्व किया, जहां उन्होंने दस लाख से अधिक पासपोर्ट आवेदनों के जांच और अग्रिम कार्रवाई के लिए अग्रेषित करने का कार्य किया।
वरिष्ठ भारतीय राजनयिक सुरेंद्र अधाना को 2024-2026 के कार्यकाल के लिए प्रशासनिक और बजटीय प्रश्नों पर संयुक्त राष्ट्र सलाहकार समिति (ACABQ) में फिर से चुना गया है। इससे पहले वर्ष 2024-25 के दौरान भी वे संयुक्त राष्ट्र सलाहकार समिति का हिस्सा रहे। वे इससे पहले मॉस्को और ह्यूस्टन में पोस्टिंग वाले एक कैरियर राजनयिक, अधाना मास्को में कोर टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं, जिसने व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष सहयोग और आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रमुख समझौतों पर बातचीत में अहम भूमिका निभाई।
मॉस्को और ह्यूस्टन में पोस्टिंग वाले एक कैरियर राजनयिक, अधाना मास्को में कोर टीम का हिस्सा थे, जिसने व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष सहयोग और आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रमुख समझौतों पर बातचीत की। उन्होंने G20 और BRICS शिखर सम्मेलनों में उच्च-स्तरीय भारतीय यात्राओं के दौरान समन्वय में भी अहम रोल अदा किया।
ह्यूस्टन में अपने कार्यकाल के दौरान, अधाना ने व्यापारिक समुदाय, विश्वविद्यालयों, उद्योग जगत के नेताओं और 500,000 की संख्या वाले भारतीय प्रवासियों के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने भारत-टेक्सास द्विपक्षीय व्यापार को 10 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंचाने में मदद की।
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