पिछले वृत्तांत में हम साउथ डकोटा के बैडलैंड नेशनल पार्क में डूबते सूरज को देख रहे थे। यह जगह इतनी सुंदर है कि हर डीटेल लिखते-लिखते एक किताब ही बन जाए। नारंगी सूरज जब इन पहाड़ों के पीछे छुपता है तो अपनी आभा को इन पर देर तक छोड़ता जाता है। ऐसा लगता है कि उसका भी डूबने का मन न हो।
इस पार्क में कई सीनिक ड्राइव है। हर जगह स्टॉप बने है। आप चाहे जितनी देर रुकें, तस्वीरें लें। जो लोग एरिजोना, यूटा गए हैं उन्हें कुछ-कुछ वहां की झलक मिल सकती है। पर कुछ ही। इंसानों की तरह पहाड़ों की भी रूप-रेखा थोड़ी भिन्न तो होती ही है। बैडलैंड में हमनें कई जीव-जंतु देखें पर एक जंगली भेड़ जाने कैसे इन पहाड़ की चोटियों पर चढ़ता-गिरता उसके सिरमौर पर बैठा था। हमें बहुत अचरज हुआ। फिर थोड़ा आगे बढ़े तो दूसरे पहाड़ की शिखा पर दो भेड़ एक साथ बैठे दिखे। फिर अनुमान लगाया शायद यही इनका ठिकाना हो। मुसीबत कितनी भी हो जीव अपना ठौर ढूंढ ही लेता है।
यहां पूरा दिन बिताने के बाद हम निकल पड़े नॉर्थ डकोटा की तरफ़। इस रास्ते में इतनी सारी 'वाल ड्रग' की होर्डिंग थी की मत पूछिए। ऐसा लगता था कि वाल ड्रग वालों का ही पूरा इलाक़ा हो। वाल ड्रग एक गिफ्ट शॉप के साथ खाने-पीने और तमाम चीजों की बड़ी सी दुकान है। यह भी यहां के अट्रैक्शन में था तो हम चले गए। दुकान भीतर से एंटीक सा लुक लिए हुए है। एक घंटा काफ़ी है चलते-फिरते घूमने के लिए यहां।
नॉर्थ डकोटा के थियोड्रल नेशनल पार्क जाने से पहले हम फार्गो में थोड़ी देर रुके थे। वहां एक पुराना चर्च है जो लकड़ी का बना था और उसमे बड़ा सा जहाज बना था वह देखा। सू फॉल से 10 मिनट की दूरी पर होटल लिया था। वहां रात बिताई और अगले दिन सू फॉल देखा। यह एक सुंदर शहर है यहां का। दिन का ख़ाना एक इंडियन रेस्टोरेंट में खाया। यह भी गोवा के एक व्यक्ति ने खोला था। हम चकित थे की पहली बार गुजराती, साउथ या पंजाबियों को छोड़ गोवा के लोगों ने रेस्टोरेंट इधर क्यों शुरू किया है। यहां के मालिक से मालूम हुआ कि एक साथ करीब 20 परिवार गोवा से यहां पहुंचे थे। और फिर सब ने यहां रेस्टोरेंट खोल लिया।
अगले दिन थियोड्रल नेशनल पार्क जाने के रास्ते में हमने अमेरिका के सबसे बड़े भैंसे का स्टैच्यू देखा। यह हाई वे से सटा ही है तो ज्यादा वक्त नहीं लगा यहां जाने में। इसी स्थान पर प्रसिद्ध लेखक लुईस लामोर का जन्म स्थान है। पर बरसों पहले वह स्थान आंधी-तूफान और तरक्की के नाम कहीं आस-पास गुम हो गया। ऐसे में इसी छोटे से कस्बे में एक उनके नाम कर दिया है।
थियोड्रल नेशनल पार्क की इंट्री फी भी 30 डॉलर है। यह पार्क तुलनात्मक दृष्टि से मुझे थोड़ा कम पसंद आया। पर इसका दूसरा भाग सुंदर था। यहां तरह-तरह के जंगली फूल और लम्बे घास के मैदान थे। एक पूरा दिन यहां बिताने के बाद हम होटल पहुंचे और अगले दिन, 'डेविल माउंटेन' देखने के साथ वापस घर को लौट आए। इन आठ दिनों में कई छोटी-छोटी जगहों पर भी गए पर ये कम समय के हिसाब से ज्यादा महत्वपूर्ण थीं।
हमने साउट डकोटा, मिनीसोटा, नॉर्ट डकोटा, मोंटना के साथ वायोमिंग की यात्रा पूरी की थी।
नोट: ख़ाली और कम आबादी वाले इन शहरों में एक गजब का सुकून था। ऐसे में रोड के किनारे में कुछ बोर्ड दिखे- अर्जेंट हेल्प या सुसाइड हेल्पलाइन का नंबर लिखा था उन पर। मैंने इतने बरसों में पहली बार सुसाइड हेल्पलाइन का बोर्ड रोड साइड कई जगह लगे देखा था। बाद में साथी ने बताया कि इधर यानी मोंटना, वायोमिंग और नॉर्थ डकोटा में सुसाइड रेट पूरे अमेरिका में ज्यादा है। कारण सोचती हूं तो लगता है यहां जितनी गर्मी है उतनी ही भयंकर ठंढ है। मनोवैज्ञानिक असर कुछ तो होगा ही। फिर इतने वीराने और अद्भुत वातावरण में रहने के लिए हिम्मत तो चाहिए ही।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login