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'भारत को करना चाहिए हस्तक्षेप', बांग्लादेश संकट पर US में ह्यूमन राइट्स संगठन की गुहार

Members of BHRW /

बांग्लादेश में पिछले साल से जारी राजनीतिक संकट के बीच मानवाधिकार हनन के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में देश के आमजन के साथ मानवाधिकार संगठनों को अपनी मुहिम चलाने में लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच अमेरिका में बांग्लादेश ह्यूमन राइट्स कमीशन के सदस्यों ने भारत से एक सामूहिक अपील है। 

अमेरिका स्थित समूह 'बांग्लादेश ह्यूमन राइट्स वॉच' (BHRW) के सदस्यों ने दक्षिण एशियाई देश में बिगड़ती मानवाधिकार स्थिति को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप, विशेष रूप से भारत से अपील की है। एक बैठक में प्रतिनिधियों ने बांग्लादेश के मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। इस्लामी कट्टरपंथ का उदय, हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना, क्षेत्रीय अस्थिरता और समूह द्वारा अंतरिम प्रशासक डॉ. मुहम्मद यूनुस के उन निर्णयों पर भी BHRW के सदस्यों ने चर्चा की जो बांग्लादेश के स्थिरता के लिए संदिग्ध माने जा रहे हैं। 

BHRW की इस बैठक में संगठन के सदस्य राणा हसन महमूद, महम्मद ए. सिद्दीकी, आरिफा रहमान रूमा, डॉ. नूरन नबी और डॉ. दिलीप नाथ शामिल हुए। सभी ने एस स्वर में कहा कि बांग्लादेश की स्थिति न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।

आंतरिक मामला बताकर नरअंदाज ना करे भारत: राणा हसन महमूद 
महमूद ने बांग्लादेश की अशांति को भारत के लिए भी खतरा बताया उन्होंने कहा, "हम अपने प्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर बहुत गंभीरता से विचार करने का आग्रह करते हैं। इसे किसी देश का आंतरिक मामला बताकर नजरअंदाज न करें। वे अराकान जो बांग्लादेश की सीमा से लगा हुआ है वहीं भी एक्टिव हैं। आईएसआई ने पूर्वोत्तर भारत को दबाने और अस्थिर करने के लिए लगभग 20 वर्षों तक बांग्लादेश में आतंकवादी शिविर चला रखे हैं।" 

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बांग्लादेश संकट से भारत को नुकसान की आशंका
बैठक के दौरान बांग्लादेश की आंतरिक अशांति के पड़ोसी भारत में फैलने की भी आशंका व्यक्त की गई। BHRW के सदस्यों ने पाकिस्तान के आईएसआई प्रमुख और उनकी टीम द्वारा भारतीय सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सीमा से लगे संवेदनशील क्षेत्रों की कथित यात्रा का भी जिक्र किया। 

'बांग्लादेश के जरिए पाकिस्तान युद्ध को उत्सुक' 
महमूद ने अगाह करते हुए कहा, "यह सरकार पाकिस्तान को बांग्लादेश की धरती का उपयोग करके भारत के साथ छद्म युद्ध करने की अनुमति देने के लिए उत्सुक है।"  उन्होंने नई दिल्ली से कार्रवाई करने का आह्वान किया। भू-राजनीतिक निहितार्थों पर प्रकाश डालते हुए महम्मद ए. सिद्दीकी ने कहा, "भारत बांग्लादेश में एक धार्मिक और आतंकवादी सरकार होने का जोखिम नहीं उठा सकता।" "यह लगभग चार तरफ से घिरा हुआ है, जिसमें बंगाल की खाड़ी भी शामिल है। इसलिए यह भारत के अपने हित में है।"

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