भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से अटके व्यापार समझौते पर नया मोड़ आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से 9 जुलाई की डेडलाइन तय किए जाने के बाद, भारतीय अधिकारी वॉशिंगटन में अपनी यात्रा बढ़ा रहे हैं ताकि बची हुई आपत्तियों पर अंतिम सहमति बनाई जा सके। दो वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने 30 जून को यह जानकारी दी।
बताया गया है कि कार ऑटो कंपोनेंट्स, स्टील और कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क को लेकर अभी भी दोनों पक्षों में मतभेद बने हुए हैं। पहले भारतीय प्रतिनिधिमंडल को 27 जून तक चर्चा समाप्त कर वापस लौटना था, लेकिन अब वे कम से कम 30 जून की शाम तक वहीं बने रहेंगे।
एक अधिकारी के मुताबिक, “भारत ने 90% टैरिफ लाइनों पर रियायत देने की पेशकश की है, लेकिन कृषि और डेयरी सेक्टर को लेकर कुछ आपत्तियां बनी हुई हैं। अब अंतिम निर्णय दोनों देशों की राजनीतिक नेतृत्व को लेना है।”
यह भी पढ़ें- ‘चाय पर चर्चा’ में शामिल हुए भारत के सांसद विवेक तन्खा, भारत-US सहयोग पर बातचीत
दूसरे अधिकारी ने बताया कि “यदि बातचीत आगे बढ़ती है, तो प्रतिनिधिमंडल 1-2 दिन और रुक सकता है।” इस बीच, भारत के वाणिज्य मंत्रालय और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 30 जून को प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा, “कृषि और डेयरी हमारे लिए बहुत ही संवेदनशील मुद्दे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हाँ, मैं चाहती हूँ कि एक बड़ा, अच्छा, सुंदर समझौता हो – क्यों नहीं? और जल्दी नतीजा निकलना भारत के हित में है।”
वहीं ट्रम्प ने पिछले सप्ताह बयान दिया था कि अमेरिका और भारत के बीच "बहुत बड़ा" व्यापार समझौता होने जा रहा है, लेकिन उन्होंने इसके विवरण साझा नहीं किए। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या भारत और अमेरिका ट्रम्प की डेडलाइन से पहले एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर मुहर लगा पाएंगे या नहीं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login