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कनाडा में लोगों की सरेआम गोलियां बरसाकर हत्या की थी, दो भारतवंशियों को उम्रकैद

जसकरण सिंह सिद्धू और प्रभज्योत भट्टी पर 2019 में जसदीप सिंह (25) और जपनीत माल्ही (22) की हत्या का जुर्म साबित हुआ है।

दोनों को सजा दिलाने में मुख्य गवाही एक प्रोटेक्टेड विटनेस की रही। / Credit- Pexels

कनाडा के कैलगरी में दो लोगों की हत्या करने के जुर्म में भारतीय मूल के जसकरण सिंह सिद्धू और प्रभज्योत भट्टी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 

इन पर 2019 में घात लगाकर दो ड्रग डीलर्स जसदीप सिंह (25) और जपनीत माल्ही (22) की हत्या करने का जुर्म साबित हुआ है। ये हत्याएं 2016 में गैंगवॉर की रंजिश में छुरा घोंपने की घटना का बदला लेने के लिए की गई थीं।

जस्टिस करेन हॉर्नर ने सिद्धू और भट्टी को फर्स्ट डिग्री मर्डर का दोषी करार दिया। ऐसे में उन्हें अगले 25 साल तक पैरोल नहीं मिल सकेगी। दोनों ने सजा के आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर कर दी है। हालांकि अपील पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं है।

इन हत्याओं का मास्टरमाइंड गैंग लीडर अमनदीप सग्गू था। सग्गू का ड्रग्स तस्करी और संगठित अपराध का इतिहास रहा है। उसने माना है कि 2016 में माल्ही द्वारा छुरा घोंपे जाने का बदला लेने के लिए उसने हमले की योजना बनाई थी। 2022 में सग्गू के जुर्म कबूल करने पर उसे आठ साल की जेल हो चुकी है। 

ये हत्याएं उस वक्त की गई थीं, जब माल्ही अपनी गर्लफ्रेंड के साथ लाउंज से निकलकर सिंग की मर्सडीज कार में बैठने जा रहा थी। उसी वक्त एक कार आई और उसमें से चलाई गई गोलियों ने सिंह और माल्ही की जान ले ली।

इस मामले में मुख्य गवाही एक प्रोटेक्टेड विटनेस की रही। उसने पुष्टि की थी कि घटना के वक्त सिद्धू और भट्टी लाउंज में थे और हमले से पहले कार में 90 मिनट तक इंतजार करते रहे थे।

18 महीने तक चली जांच ने पश्चिमी कनाडा में हिंसक ड्रग तस्करी नेटवर्क में सग्गू की भागीदारी का खुलासा हुआ था। मास्टरमाइंड के ऊपर हत्याएं करवाने और मादक पदार्थों की तस्करी समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे।

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