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भारत-अमेरिकी रिश्ते ‘नोव्हेयर लैंड’ में, ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में बढ़ी तल्खी

2026 भारत के लिए और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन ट्रम्प जैसे अप्रत्याशित नेता के साथ कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता।

प्रतीकात्मक तस्वीर / iStock

जिस रिश्ते से मजबूती और रणनीतिक साझेदारी की उम्मीद थी, वह 2025 के अंत तक आते-आते “नोव्हेयर लैंड” में खड़ा दिख रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के पहले ही साल में भारत–अमेरिका संबंध मजबूत ज़मीन से फिसलकर अस्थिर दौर में पहुंच गए हैं।

2025 की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफल अमेरिका यात्रा और एक लंबे संयुक्त बयान से हुई थी, जिसमें रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के बड़े-बड़े वादे थे। लेकिन साल खत्म होते-होते वह गर्मजोशी गायब हो चुकी है। भरोसे को गहरी चोट लगी है और रिश्तों को लेकर जो उम्मीदें थीं, वे अब धुंध में खोती नजर आ रही हैं।

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भारतीय मूल के अमेरिकी भी निशाने पर
स्थिति को और चिंताजनक बनाता है ट्रम्प के MAGA समर्थकों के बीच भारत और भारतीय अमेरिकियों के खिलाफ बढ़ती नफरत। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पाकिस्तानी, चीनी और क़तरी बॉट्स द्वारा फैलाए जा रहे ज़हर का असर यहां तक दिखा कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जिनकी पत्नी उषा भारतीय मूल की हैं, भी इससे अछूते नहीं रहे। कभी ‘मॉडल माइनॉरिटी’ माने जाने वाले भारतीय अमेरिकी समुदाय पर हमले बढ़े हैं, जिससे प्रवासी भारतीयों में गहरी बेचैनी है।

 

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