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खुद को सीनियर अफसर बताकर इमिग्रेशन के नाम पर करता था ठगी, भारतवंशी को हुई जेल

सुखविंदर को 16 महीने जेल की सजा सुनाई गई है। उन्हें बिना वेतन के 150 घंटे तक कम्युनिटी की सेवा करने, 20 दिनों तक पुनर्वास गतिविधियों में शामिल होने का आदेश दिया गया है।

सुखविंदर पर युवा महिलाओं के साथ धोखाधड़ी करने का जुर्म साबित हुआ है।  / Courtesy Photo

यूनाइडेट किंगडम (यूके) में रहने वाले भारतीय मूल के सुखविंदर सिंह कांग को धोखाधड़ी के कई मामलों में दोषी ठहराए जाने और अनियमित इमिग्रेशन सेवाएं प्रदान करने के जुर्म में सजा सुनाई गई है। 

33 वर्षीय सुखविंदर सरे के कैम्बरले के रहने वाले हैं। उन्हें साउथवार्क क्राउन कोर्ट ने सजा सुनाई है। उन पर जून 2020 से जून 2021 के बीच युवा महिलाओं के साथ धोखाधड़ी करने का जुर्म साबित हुआ है। 

सुखविंदर को 16 महीने जेल की सजा सुनाई गई है, जिसे 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्हें बिना वेतन के 150 घंटे तक कम्युनिटी की सेवा करने, 20 दिनों तक पुनर्वास गतिविधियों में शामिल होने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा 171 डॉलर (171 पाउंड) का विक्टिम सरचार्ज और 9697 डॉलर (8,832 पाउंड) का मुआवजा भरने का भी निर्देश दिया गया है। 

सुखविंदर कांग धोखाधड़ी करने के लिए खुद को इमिग्रेशन सर्विसेज कमिश्नर का सलाहकार बताता था। उसने सोशल मीडिया खासकर फेसबुक के जरिए पीड़ितों को धोखा दिया। उसने व्हाट्सएप और टेक्स्ट मैसेज के जरिए पीड़ितों को आश्वासन दिया कि वह उनके वीजा आवेदनों को मंजूर करके गृह विभाग तक पहुंचा देगा। 

पीड़ितों द्वारा धोखाधड़ी की सूचना देने के बाद जांच शुरू की गई। कांग ने अपने पीड़ितों को रिफंड का आश्वासन दिया, उनके दस्तावेज लौटाने का भी भरोसा दिलाया। लेकिन कभी भी अपने वादे का पालन नहीं किया। आखिरकार ओआईएससी के कोर्ट में मामले की सफल पैरवी करते हुए उसे सजा दिलवाई। 

इमिग्रेशन सर्विसेज कमिश्नर जॉन टकेट ने यह जांच दिखाती है कि इमिग्रेशन में धांधली को रोकने और लोगों को बचाने के हमारे प्रयास सही दिशा में हैं। पूरे ब्रिटेन में ओआईएससी अपंजीकृत इमिग्रेशन सलाहकारों की गैरकानूनी गतिविधियों की पहचान करने, उन्हें रोकने का जिम्मा संभालती है। 

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