ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया राज्य की सरकार के सहयोग से भारतीय प्रवासियों को लेकर एक सर्वे कराया गया है। इसमें यह जानने की कोशिश की गई है कि विक्टोरिया के निवासी भारतीय प्रवासियों को लेकर क्या सोच रखते हैं। यह सर्वे ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टिट्यूट द्वारा मेलबर्न इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर किया गया है।
इस एप्लाइड इकनोमिक एंड सोशल रिसर्च रॉय मॉर्गन टेकिंग द पल्स ऑफ द नेशन (MI-RM TTPN) सर्वे के नतीजों से संकेत मिलता है कि विक्टोरिया वासी आमतौर पर भारतीय मूल के लोगों को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट की सीईओ लीजा सिंह ने कहा कि भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक एवं भूरणनीतिक संबंधों में लगातार मजबूती आ रही है इसलिए प्रवासी भारतीयों की भूमिका और उनके बारे में हमारी समझ महत्वपूर्ण हो जाती है।
सर्वे में शामिल विक्टोरिया के लोगों में से 71 फीसदी का कहना था कि वे भारतीय समुदाय के लोगों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहते हैं। इनमें 58 फीसदी रिटेल व रेस्तरां चलाने वाले भारतीयों से और 56 फीसदी कार्यस्थलों पर भारतीय मूल के लोगों के संपर्क में रहते हैं। इसके अलावा सभी आयु व लिंग समूहों में 51 प्रतिशत लोगों ने इस बात से सहमति जताई कि प्रवासी अपने स्थानीय समुदाय में सकारात्मक योगदान देते हैं।
58 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों के अंतर्राष्ट्रीय छात्र विक्टोरिया की अर्थव्यवस्था और समाज में सकारात्मक योगदान देते हैं। 70 प्रतिशत लोगो का कहना था कि विक्टोरियन सरकार को व्यापार एवं व्यवसाय को बढ़ाने के लिए भारत के साथ जुड़ना चाहिए। 60 प्रतिशत लोगों का मानना था कि भारत से कुशल प्रवासियों के आने के लिए प्रोत्साहित करने में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है।
हालांकि विक्टोरिया सर्वे में भाग लेने वालों में से 81 प्रतिशत इस बात से अनजान थे कि भारतीय प्रवासी कारोबार या राजनीति में नेतृत्व के पदों पर हैं। 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने भारत के बारे में अधिक जानने की इच्छा जताई। इनमें युवाओं की संख्या अधिक थी। 54 प्रतिशत लोगों ने भविष्य में भारतीय सार्वजनिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की उत्सुकता व्यक्त की। 40 प्रतिशत लोगों ने भारतीय डायस्पोरा के साथ सामाजिक संबंध बढ़ाने में रुचि दिखाई।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सबसे तेजी से बढ़ते प्रवासी समुदायों में से एक हैं। वर्ष 2021-22 में ऑस्ट्रेलिया में स्थायी प्रवास के मामले में भारत ने यूके और चीन को भी पीछे छोड़ दिया था। ऑस्ट्रेलिया जाने वाले लगभग 40 प्रतिशत भारतीय विक्टोरिया में बसने का विकल्प चुनते हैं। विक्टोरिया के भारतीय डायस्पोरा में से 64 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं जबकि 36 प्रतिशत दूसरी पीढ़ी के लोग हैं।
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