कभी शरणार्थियों और अप्रवासियों के लिए दुनिया में सबसे लोकप्रिय देश रहा कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार के तेवर बदल गए हैं। कनाडाई सरकार अब नया कदम उठाने जा रही है। ट्रूडो सरकार इसे लेकर वैश्विक ऑनलाइन विज्ञापन अभियान शुरू करने जा रहा है। इस विज्ञापन को हिंदी और तमिल भाषा में भी प्रसारित किया जाएगा। विज्ञापन में सरकार यह बता रही है कि कनाडा में अब शरण लेना आसान नहीं है। कनाडाई सरकार का यह अभियान भारत सहित शरण आवेदनों में वृद्धि को संबोधित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम में के रूप में देखा जा रहा है।
कनाडा ने अपनी शरण प्रक्रिया के बारे में गलत सूचना से निपटने के लिए एक वैश्विक विज्ञापन अभियान शुरू किया है। यह अभियान हिंदी और तमिल सहित 11 भाषाओं में प्रसारित होगा। सरकार का लक्ष्य उन देशों को संदेश देना जहां से अधिकतम शरण आवेदन आते हैं। यह अभियान, प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के तेवरों में व्यापक बदलाव का हिस्सा है। सरकार स्पष्ट है कि वह कनाडा में शरण लेने वालों के लिए सख्त मानदंड अपनाने जा रहा है।
विज्ञापन में क्या है
विज्ञापन में कहा गया है, "कनाडा में शरण का दावा करना आसान नहीं है। अर्हता प्राप्त करने के लिए सख्त दिशानिर्देश हैं। जीवन बदलने वाला निर्णय लेने से पहले पता करें कि आपको क्या जानना आवश्यक है।" आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा के अनुसार, अभियान का उद्देश्य अनधिकृत प्रतिनिधियों के साथ काम करने के जोखिमों को उजागर करना भी है।
दरअसल, किसी समय आप्रवासियों के लिए दुनिया के सबसे लोकप्रिय देशों में एक कनाडा शरणार्थी दावों में 260000 मामलों के बैकलॉग का सामना कर रहा है। उच्च आप्रवासन स्तर पर बढ़ते सार्वजनिक असंतोष के साथ, सरकार ने उन दावों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जिनके सफल होने की संभावना नहीं है।
सरकार की इस मुहिम पर ओटावा विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर जेमी चाई युन ल्यू का कहना है कि अभियान फायदेमंद हैं, लेकिन सरकार किस अंदाज में इसे पेश करता है, वह मायने रखता है। उन्होंने कहा, "अगर वे कह रहे हैं, 'आपका स्वागत नहीं है', तो यह अतीत में कनाडा के दृष्टिकोण के विपरीत है।"
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