उत्तरी कैरोलिना में प्रस्तावित कैरोलिना मुरुगन मंदिर / Courtesy: Carolina Murugan Temple (CMT)
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलाइना राज्य के मॉनक्योर (Moncure) शहर में प्रस्तावित मुरुगन मंदिर (Murugan Temple) हाल के दिनों में हिंदू मंदिरों के खिलाफ बढ़ते ऑनलाइन विरोध का नया निशाना बन गया है।
विरोध करने वालों ने इस पहल को अमेरिकी मूल्यों के खिलाफ बताया है और दावा किया है कि यह फाउंडिंग फादर्स की सोच के विपरीत है।
विवाद तब शुरू हुआ जब एक स्वतंत्र पत्रकार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हिंदुओं ने नॉर्थ कैरोलाइना के ग्रामीण शहर मॉनक्योर में 100 एकड़ से अधिक भूमि खरीदी है ताकि वे अपने योद्धा देवता मुरुगन की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बना सकें जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ऊंची होगी।
टेक्सास रिपब्लिकन नेता एलेक्जेंडर डंकन ने टिप्पणी की कि यह वही नहीं है जो संस्थापक पिताओं ने फर्स्ट अमेंडमेंट लिखते समय सोचा था। डंकन पर पहले हिंदू-विरोधी बयान देने के आरोप लग चुके हैं।
इस बढ़ते विरोध के बीच Stop Hindu Hate Advocacy Network नामक संगठन ने मंदिर के समर्थन में जवाब दिया। उन्होंने भारत में मौजूद ईसाई मूर्तियों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि तमिलनाडु के सलेम में 65 फीट ऊंची जीसस की मूर्ति है। इसके अलावा नागपट्टिनम के वेलंकन्नी चर्च में जीसस की प्रतिमा है। आप भारत में प्यार फैला रहे हैं, हम नॉर्थ कैरोलाइना में प्यार फैला रहे हैं! Same to same!
कैरोलाइना मुरुगन टेंपल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2018 में हुई थी। इसमें एक बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिसर साथ ही एक तमिल संग्रहालय और पुस्तकालय बनाने की योजना है। मंदिर की वेबसाइट के अनुसार यह परियोजना सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक है जिसकी फंडिंग दान और आयोजनों के माध्यम से हो रही है। फिलहाल मंदिर प्रशासन ने इस विवाद पर कोई बयान नहीं दिया है।
यह ऑनलाइन बहस पहले भी हुए हिंदू-विरोधी घटनाक्रमों की याद दिलाती है जिनमें टेक्सास में 90 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा पर विरोध और गणेश चतुर्थी जुलूस पर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं शामिल हैं।
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