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कैम्ब्रिज में Nanobiosym Global Summit, विज्ञान और चेतना के मेल पर मंथन

यह शिखर सम्मेलन नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों, टेक्नोलॉजी के अग्रदूतों और वैश्विक विचारकों को एक साथ लाया।

डॉ. अनीता गोयल / Nanobiosym website

हार्वर्ड और एमआईटी से प्रशिक्षित भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. अनीता गोयल की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी Nanobiosym ने कैम्ब्रिज में ‘Nanobiosym Global Summit 2025’ का आयोजन किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन का मुख्य विषय था ‘Quantum Convergence’, यानी विज्ञान, तकनीक और मानवीय चेतना का संगम।

यह शिखर सम्मेलन नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों, टेक्नोलॉजी के अग्रदूतों और वैश्विक विचारकों को एक साथ लाया, ताकि विज्ञान, स्वास्थ्य और तकनीक के भविष्य को नए नजरिए से परिभाषित किया जा सके।

विज्ञान और मानवता का नया संगम
डॉ. अनीता गोयल Nanobiosym की संस्थापक चेयरपर्सन और सीईओ हैं। उन्होंने कहा, यह कोई साधारण विज्ञान या टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस नहीं थी। इसका उद्देश्य था पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकलकर क्वांटम छलांग लगाना। उन्होंने बताया कि हमने भौतिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चिकित्सा और मानवता के भविष्य से जुड़े प्रतिभाशाली दिमागों को एक साथ लाकर पांचवीं औद्योगिक क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाया है, जहां तकनीक मानवता की सेवा में हो।

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नवाचार, संवाद और एक फिल्म प्रीमियर
सम्मेलन में कई इंटरएक्टिव राउंडटेबल्स, इनोवेशन एक्सपो, और एक खास हॉलीवुड फिल्म ‘Quantum Convergence’ का प्रीमियर भी हुआ। यह फिल्म पूर्वी और पश्चिमी दृष्टिकोणों के संगम से विज्ञान और चेतना के रिश्ते को दर्शाती है।

नोबेल विजेता और वैश्विक वैज्ञानिकों की भागीदारी
एक विशेष सत्र में डॉ. गोयल के साथ सर रॉजर पेनरोस और डॉ. फ्रैंक विल्चेक (दोनों भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता) शामिल हुए। उन्होंने चर्चा की कि क्या आधुनिक भौतिकी को जीवन, जीवित प्रणालियों और चेतना को समझाने के लिए और आगे बढ़ना चाहिए। डॉ. महमूद खान और डॉ. हया अल सऊद ने मानव आयु बढ़ाने और सभी 8 अरब लोगों के लिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की दृष्टि साझा की।

MIT, हार्वर्ड और अन्य प्रमुख वक्ताओं की भागीदारी
डॉ. रॉबर्ट लैंगर और डॉ. दीना कताबी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीकों को प्रस्तुत किया। डॉ. तरुण खन्ना और क्रिस्टिना निल्सन ने पोस्ट-AI युग में निवेश और नवाचार पर चर्चा की। डॉ. फेडरिको फागिन, जुआन एनरिकेज़, और डॉ. एवी लोएब ने विज्ञान, तकनीक और बाह्य जीवन पर अपने विचार रखे। टॉड माचोवर ने AI आधारित Opera of the Future की झलक दी।

सम्मेलन के समापन सत्र में ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने Conscious Leadership यानी जागरूक नेतृत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे नैतिकता और चेतना को केंद्र में रखकर भविष्य का व्यापार, संस्कृति और राजनीति आकार ले सकती है।

डॉ. गोयल ने कहा, हमने एक ऐसा मंच बनाया है जहाँ नोबेल विजेता, उद्योगपति, वैज्ञानिक और वैश्विक परिवर्तनकर्ता एक साथ आकर नए विचारों की ऊर्जा को प्रज्वलित कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य ऐसे नवाचारों को जन्म देना है जो मानव-केंद्रित, टिकाऊ और दीर्घकालिक कल्याणकारी हों।

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