ह्यूस्टन के शुगर लैंड के मेमोरियल पार्क में लोगों की एक बड़ी भीड़ जमा हुई। / Arun Mundra
            
                      
               
             
            अमेरिका के अलग-अलग शहरों में बसे भारतीय समुदायों ने कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 बेगुनाह लोगों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाले। ये लोग उन शहीदों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सड़कों पर उतरे थे।
26 अप्रैल को ह्यूस्टन के लोगों ने शुगर लैंड मेमोरियल पार्क में जमा होकर हिंदू पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों में नेपाल के एक नागरिक भी शामिल थे। VHPA, हिंदूज ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन, ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा, ABMMS, DISHA, HinduPACT और Hindu Action जैसी कई संस्थाएं एक साथ आईं और 26 पीड़ितों के लिए कैंडल विजिल रखा।
दुनिया के दूसरे मुल्कों से भी लोग जुड़े और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अपनी एकजुटता दिखाई। उन्होंने हाथों में ‘हिंदू लाइव्स मैटर’, ‘9/11 टेरर अटैक नेवर फॉरगेट’, ‘इंडो अमेरिकन अगेंस्ट टेररिज्म’ और ‘इंडियन अमेरिकन्स अगेंस्ट टेरर’ जैसे पोस्टर और बैनर लिए हुए थे। साफ था, ये लोग दुनियाभर में फैले आतंकवाद के खिलाफ हैं।
22 अप्रैल के आतंकवादी हमले में मारे गए कश्मीर के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग इकट्ठे हुए। / Arun MundraVHPA (वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका) के अरुण मुंद्रा ने बताया कि स्वयंसेवकों ने दूसरी अहम संगठनों की टीमों से तालमेल किया। कश्मीरी पंडित संगठन के प्रवक्ता अमित रैना ने कहा कि हिंदू समुदाय दशकों से अत्याचार झेल रहा है। उनके शब्दों में, 'अब वक्त है कि दुनिया की सभी सकारात्मक ताकतें साथ आएं और आतंकवाद को खत्म करें।'
हिंदूज ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन, VHPA, Hindu PACT और Hindu Action जैसी संस्थाओं ने पाकिस्तान-प्रायोजित वैश्विक आतंकवाद पर गहरी नाराजगी जताई, जिसने शांति-प्रिय लोगों की जिंदगी मुश्किल बना दी है। नेपाल समुदाय के पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी दिलीप शास्त्री ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में आम नागरिकों पर आतंकवादी हमला मानवता के खिलाफ है।
अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोपीय संघ, यूएई, इटली, इजराइल, सिंगापुर, बांग्लादेश, जापान, चीन, मालदीव, जॉर्डन, नेपाल और कतर सहित कई देशों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है।
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