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भारत पहुंची टर्की की पहली खेप, समझौते के बाद अब भारत में सस्ती मिलेगी अमेरिकी पक्षी

सीनेटर वॉर्नर सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने इस डेवलपमेंट को अमेरिका-भारत व्यापार और वर्जीनिया के पॉल्ट्री इंडस्ट्री के लिए 'एक बड़ा कदम' बताया है। 

वर्जीनिया ने अमेरिका में तैयार टर्की (एक प्रकार का पक्षी) की पहली खेप भारत भेजी है। / Pexels

अमेरिका और भारत के बीच व्यापार में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। क्योंकि वर्जीनिया ने अमेरिका में तैयार टर्की (एक प्रकार का पक्षी) की पहली खेप भारत भेजी है। यह उपलब्धि हाल ही में हुए एक व्यापार समझौते के बाद मिली है, जिसका समर्थन अमेरिकी सीनेटर मार्क वॉर्नर (डी-वीए) और अन्य लोगों ने किया था। इस समझौते के तहत अमेरिकी पॉल्ट्री प्रोडक्ट पर लगने वाले टैरिफ कम कर दिए गए हैं। इससे ये भारतीय उपभोक्ताओं के लिए और सस्ता हो गया है। पहले, ऊंचे टैरिफ के कारण अमेरिका से भारत में टर्की का निर्यात सीमित था।

सीनेटर वॉर्नर सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने इस डेवलपमेंट को अमेरिका-भारत व्यापार और वर्जीनिया के पॉल्ट्री इंडस्ट्री के लिए 'एक बड़ा कदम' बताया है। नेशनल टर्की फेडरेशन और वर्जीनिया पॉल्ट्री ग्रोअर्स कोऑपरेटिव (VPGC) ने भी इस उपलब्धि का जश्न मनाया और स्थानीय किसानों के लिए विकास की संभावना और फायदों पर जोर दिया।

वर्जीनिया, जो टर्की उत्पादन करने वाले शीर्ष राज्यों में से एक है। इसने 2021 में 14.5 मिलियन टर्की का उत्पादन किया। यह राज्य पॉल्ट्री उद्योग पर बहुत निर्भर है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में सीधे 5.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देता है। भारतीय बाजार में अधिक पहुंच के साथ, वर्जीनिया के उत्पादकों को विदेशों में अधिक उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करने की उम्मीद है। वर्जीनिया से आने वाले टर्की को भारतीय होटलों और रेस्तरां में परोसे जाने की उम्मीद है, जो अमेरिकी निर्यातकों के लिए नए अवसर पैदा करते हैं।

 

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