अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की टीमें रविवार को अहमदाबाद में उस विमान हादसे की जांच में जुटीं, जिसमें कम से कम 271 लोगों की मौत हुई थी। गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरते ही एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान ने अचानक ऊंचाई खो दी और रिहायशी इमारतों से टकराकर आग के गोले में बदल गया।
विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक जीवित बचा। साथ ही, जमीन पर भी करीब 30 लोगों की मौत हुई। यह हादसा बीते दस वर्षों का सबसे भीषण विमान दुर्घटना माना जा रहा है।
जांच के केंद्र में क्या है
इंजन थ्रस्ट में गड़बड़ी
टेकऑफ के दौरान खुले रहे लैंडिंग गियर
फ्लैप्स की स्थिति
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जांच में कौन-कौन
FAA और NTSB के 10 से अधिक अधिकारी
बोइंग और GE (इंजन निर्माता) की टीमें भी घटनास्थल पर
भारतीय एविएशन रेगुलेटर ने देश के सभी बोइंग 787 विमानों की जांच के आदेश दिए हैं
DNA पहचान जारी
घटनास्थल से मिली लाशें बुरी तरह जल चुकी थीं, जिससे पहचान मुश्किल हो रही है। अहमदाबाद के मुख्य अस्पताल के अधिकारी रजनीश पटेल ने बताया कि अब तक 32 शवों की पहचान DNA से हो चुकी है और वे परिवारों को सम्मानपूर्वक सौंपे जा रहे हैं।
यह हादसा एयर इंडिया के बेड़े को सुधारने की कोशिशों और बोइंग की पहले से जूझती साख के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अमेरिका के परिवहन सचिव सीन डफी ने कहा कि अगर जांच से कोई भी सिफारिश सामने आती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
यह दुर्घटना न सिर्फ तकनीकी खामियों की गहराई से जांच की मांग कर रही है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के बीच विमानन सुरक्षा सहयोग की एक बड़ी परीक्षा भी बन गई है।
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