न्यूयॉर्क के प्रॉस्पेक्ट पार्क में 13 जून को एक अनोखा और मज़ेदार आयोजन देखने को मिला—ज़ोहरान ममदानी लुक-अलाइक प्रतियोगिता। इस ग्रासरूट इवेंट ने न केवल इंटरनेट-प्रेमी युवाओं को आकर्षित किया, बल्कि कई राह चलते लोगों को भी खींच लाया।
इस आयोजन के पीछे थे 23 वर्षीय कंटेंट क्रिएटर एंथनी पो, जो इससे पहले 2024 में टिमोथी शैलेमे लुक-अलाइक प्रतियोगिता की मेज़बानी कर चुके हैं। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग था। एंथनी ने X पर लिखा, “टिमोथी के बाद मैंने कई ऑफर ठुकरा दिए थे, लेकिन ज़ोहरान ममदानी के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित करना खास और खुशी से भरा अनुभव रहा।”
यह भी पढ़ें- ममदानी और लैंडर ने न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में हाथ मिलाया
प्रतियोगिता का माहौल राजनीतिक व्यंग्य, लोकप्रियता और हल्के-फुल्के जुड़ाव का दिलचस्प मेल था। एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, “यह प्रतियोगिता ममदानी की युवा वर्ग में लोकप्रियता को दर्शाती है। यह न्यूयॉर्क की इंटरनेट-प्रेमी युवा पीढ़ी में उभरती लुक-अलाइक प्रतियोगिताओं की एक नई लहर है।”
एक अन्य दर्शक ने लिखा, “मैं कल प्रॉस्पेक्ट पार्क में ज़ोहरान ममदानी लुक-अलाइक प्रतियोगिता में गया, और ये अनुभव बेहद प्यारा और मज़ेदार रहा।”
प्रतियोगिता की खास बात यह रही कि कई लोग जिन्हें ममदानी के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी, सिर्फ पोस्टर देखकर वहां पहुंचे और फिर ममदानी की राजनीति और उनके अभियानों के बारे में जानने लगे। एक दर्शक ने कहा, “ऑर्गनाइज़र्स और सभी ‘ज़ोहरानों’ को सलाम!”
कौन हैं ज़ोहरान ममदानी?
ज़ोहरान ममदानी का जन्म 1991 में युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था। वे भारतीय फिल्म निर्देशक मीरा नायर और राजनीतिक विचारक महमूद ममदानी के बेटे हैं। सात साल की उम्र में वे न्यूयॉर्क आ गए और बाद में अमेरिका की नागरिकता ली। कॉलेज के बाद उन्होंने डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट के रूप में राजनीति में कदम रखा।
वर्तमान में वे क्वींस के 36वें असेंबली जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं, और अक्टूबर 2024 में उन्होंने न्यूयॉर्क के मेयर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। उनका अभियान किफायती आवास, सुलभ सार्वजनिक परिवहन और आर्थिक न्याय जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। उन्होंने वादा किया है कि वे रेंट स्टेबलाइज़्ड टेनेंट्स का किराया फ्रीज़ करेंगे, मुफ्त बस सेवा का विस्तार करेंगे, शून्य लागत वाली चाइल्डकेयर लाएंगे और सरकारी स्वामित्व वाले ग्रोसरी स्टोर स्थापित करेंगे ताकि बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके।
यह आयोजन सिर्फ एक मज़ाकिया प्रतियोगिता नहीं था, बल्कि एक युवा-जनित राजनीतिक संवाद की मिसाल भी बना, जिसने साबित किया कि लोकतंत्र से जुड़ाव की नई भाषा अब मीम्स, इवेंट्स और सोशल मीडिया से होकर भी निकलती है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login