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H-1B विवाद: US सांसदों का Amazon, Google, Meta और Apple पर दबाव

सांसदों ने कंपनियों से भर्ती प्रक्रिया, वेतन और लाभ में अंतर और H-1B कर्मचारियों के लिए विशेष नियमों पर विस्तृत जानकारी मांगी है।

H-1B Visa प्रतीकात्मक तस्वीर। / (Photo: iStock)

मेरिकी सीनेट के वरिष्ठ सांसद चक ग्रास्ली और डिक डर्बिन ने Amazon, Google, Meta, Apple और भारत की TCS सहित अन्य बड़े कॉर्पोरेट कंपनियों पर आरोप लगाया है कि वे अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी से निकालकर H-1B वीज़ा के जरिए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त कर रही हैं।

संसद के न्याय समिति के अध्यक्ष ग्रास्ली और रैंकिंग मेंबर डर्बिन ने कहा कि तकनीकी क्षेत्रों में बेरोज़गारी के बावजूद बड़ी कंपनियां 'अमेरिकी प्रतिभाओं को किनारे करके' हजारों विदेशी कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं। सांसदों ने कंपनियों से भर्ती प्रक्रिया, वेतन और लाभ में अंतर और H-1B कर्मचारियों के लिए विशेष नियमों पर विस्तृत जानकारी मांगी है।

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जांच के केंद्र में कंपनियां 
तकनीकी कंपनियां जांच के केंद्र में हैं। Amazon ने हाल के वर्षों में हजारों कर्मचारियों को निकाला, फिर भी FY 2025 में 10,044 H-1B पदों के लिए आवेदन किया। Apple ने 2024 में कई चरणों में छंटनी की, लेकिन 2025 में 4,202 H-1B आवेदन दायर किए। Google ने कई यूनिट्स में कर्मचारियों को निकाला, फिर भी 4,181 H-1B पदों के लिए आवेदन किया। Meta ने 2022-23 में कर्मचारियों का एक चौथाई हिस्सा हटाया और 2025 में 5,123 H-1B अनुमोदन प्राप्त किए। Microsoft ने 16,000 कर्मचारी निकाले, जबकि 5,189 H-1B पदों के लिए आवेदन किया।

 

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