(मालविका चौधरी)
दो भारतीय डॉक्युमेंट्री को प्रतिष्ठित पीबॉडी पुरस्कार (Peabody Awards) के लिए नॉमिनेट किया गया है। इनमें एक डॉक्युमेंट्री विनय शुक्ला की "While We Watched" है और दूसरी शौनक सेन की "All That Breathes" है।
चयनिय फिल्मों को 9 जून को अमेरिका के लॉस एंजिल्स में होने वाले समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। पीबॉडी अवार्ड्स बोर्ड ऑफ ज्यूरर्स ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए 41 उत्कृष्ट दावेदारों के नाम की घोषणा की है। ये पुरस्कार डॉक्यूमेंट्री, समाचार, लोक सेवा और रेडियो/पॉडकास्ट सहित विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे।
विनय शुक्ला की While We Watched एनडीटीवी के पूर्व दिग्गज पत्रकार रवीश कुमार पर आधारित एक मार्मिक स्पॉटलाइट डॉक्युमेंट्री है। इसमें रवीश कुमार की दो साल की यात्रा को दर्शाया गया है, जो प्रेस की घटती आजादी और दुष्प्रचार के साये में घटती है। रिलीज के बाद इस डॉक्युमेंट्री ने तेजी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हासिल की है। इसे बुसान और टोरंटो सहित कई सम्मानित फिल्म समारोहों में तारीफ मिली है।
पीबॉडी समूह ने इस वृत्तचित्र को "संकट के दौर में न्यूज़रूम का समयानुकूल चित्रण" करार दिया है। शुक्ला की यह फिल्म तथ्यात्मक पत्रकारिता के सिद्धांतों को मजबूती से कायम रखते हुए फेक न्यूज, गिरती रेटिंग और कटबैक के खिलाफ रवीश कुमार के संघर्ष को समेटे हुए है।
वहीं, शौनक सेन की "ऑल दैट ब्रीथ्स" दो मुस्लिम भाइयों द्वारा शिकारी पक्षी काली चील की रक्षा करने की अनोखी कहानी है। यह पक्षी नई दिल्ली के इकोसिस्टम के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
इस फिल्म को 17 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं जिसमें कान्स में मान्यता प्रमुख है। यह तहखाने में बने एक अस्थायी अस्पताल में जहरीले पर्यावरण और सामाजिक अशांति के बीच इन पक्षियों की जिंदगी बचाने के दो भाइयों की कोशिशों को दिखाती है। पीबॉडी पुरस्कार पाने वाली अन्य डॉक्युमेंट्री में मारियुपोल में 20 दिन, बॉबी वाइन: द पीपुल्स प्रेसिडेंट आदि शामिल हैं।
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