डिजिटल अलियास ‘टोनी क्लोर’ (Tony Klor) के नाम से मशहूर अमेरिकी टेक्सपर्ट क्लोर एंथनी लुईस ने सोशल मीडिया पर भारत और अमेरिका की इमिग्रेशन नीतियों की तुलना कर एक जबरदस्त बहस शुरू कर दी है।
लुईस ने X पर घोषणा की कि उन्हें भारत द्वारा पांच साल की वीजा मंजूर की गई है। उन्हें B-1 वीजा मिला है, जो उन्हें 2030 तक भारत में रहने की अनुमति देता है और इसके तहत वे देश में कई बार प्रवेश और निकास कर सकते हैं। उनके इस पोस्ट को खासा ध्यान मिला क्योंकि उन्होंने इसे अमेरिका की वर्तमान प्रशासन की वीजा नीतियों के साथ तुलना की। अमेरिका ने हाल ही में H-1B वीजा नियमों में बदलाव किए हैं जिसे विशेषज्ञों ने एंटी-इमिग्रेंट रुख के रूप में देखा है।
इस शॉर्ट-टर्म बिजनेस वीजा के तहत लुईस प्रत्येक यात्रा में 180 दिन तक भारत में रह सकते हैं।
X पर अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ट्रम्प कहते हैं विदेशियों को बाहर जाना चाहिए। मोदी कहते हैं वेलकम होम भाई।
यह टिप्पणी रिवर्स ब्रेन-ड्रेन (विदेश से टैलेंट के भारत लौटने) की संभावना की ओर संकेत करती है जो विशेषज्ञों ने H-1B वीजा नीति परिवर्तन के बाद की बहस में भविष्यवाणी की थी।
लुईस ने इसके अलावा घोषणा की कि अधिकारिक रूप से! भारत विदेशी ब्लॉकचेन और एआई बिल्डर्स के लिए अपने दरवाजे खोल रहा है।
X के उपयोगकर्ताओं ने उनकी पोस्ट पर जोरदार प्रतिक्रिया दी और लुईस का स्वागत किया। कई ने भारत की बढ़ती टेक्नोलॉजी की संभावना पर चर्चा की। कई ने भविष्यवाणी की कि भारत और शहर जैसे बैंगलुरु अमेरिकी हब सिलिकॉन वैली जैसी तकनीकी उपलब्धियों वाला केंद्र बन सकता है।
हालांकि कई उपयोगकर्ताओं ने पोस्ट पर भारत के उच्च कर दरों और क्रिप्टो और ब्लॉकचेन जैसी ब्रेकथ्रू तकनीकों के लिए संस्थागत समर्थन की कमी की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
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