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भारत की बिजली व्यवस्था सुधारेगा भारतीय छात्रों का ये एआई स्टार्टअप!

भारत में बिजली की मांग और आपूर्ति का अनुमान लगाने के लिए जो तरीके अभी इस्तेमाल हो रहे हैं, वे पुराने हो चुके हैं।

(बाएं से) मोहक मंगल, ध्रुव सूरी और अमन गुप्ता / Mohak Mangal via LinkedIn, Dhruv Suri via LinkedIn, and Aman Gupta via LinkedIn

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के छात्रों ने एक एआई स्टार्टअप बनाया है जो भारत की बिजली व्यवस्था में आ रही बड़ी परेशानियों को ठीक करने का काम करेगा। इस स्टार्टअप का नाम है ‘प्रवाह’ जिसका संस्कृत में अर्थ है प्रवाह यानी बहाव। इसे मोहक मंगल, ध्रुव सूरी, अमन गुप्ता और निक ब्राउन ने मिलकर स्टैनफोर्ड कैंपस में शुरू किया।

भारत में बिजली की मांग और आपूर्ति का अनुमान लगाने के लिए जो तरीके अभी इस्तेमाल हो रहे हैं, वे पुराने हो चुके हैं। इसी कारण बार-बार बिजली कटौती, महंगी आपात बिजली खरीद और आर्थिक नुकसान होता है। प्रवाह का लक्ष्य इन समस्याओं को आधुनिक तकनीक से हल करना है।

प्रवाह की तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई पर आधारित है। यह मौसम, तापमान, हवा, बारिश, सूरज की रोशनी और बिजली बनाने वाले स्रोतों की हालत जैसे कई वास्तविक समय वाले कारकों को समझकर बहुत सटीक तरीके से बता देती है कि कितनी बिजली की जरूरत होगी और कितनी बिजली उपलब्ध होगी। यह जानकारी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को पहले से मिल जाती है जिससे वे पहले से तैयारी कर पाते हैं और बिजली कटौती से बचा जा सकता है।

प्रवाह की खासियत यह है कि इसके मॉडल भारत की परिस्थितियों के लिए खास तौर पर बनाए गए हैं। दुनिया के दूसरे देशों के एआई मॉडल भारत के मौसम, भीड़भाड़, बिजली खपत और मौसम के बदलावों को ठीक से नहीं समझ पाते। प्रवाह इस कमी को पूरा करता है। यह तूफान, तेज बारिश, लू, चक्रवात जैसी मौसमी घटनाओं के दौरान भी सटीक बिजली का अनुमान दे सकता है।

इस स्टार्टअप को अमेरिका, जर्मनी और भारत में बिजली कंपनियों से जुड़कर काम करने का मौका मिल रहा है। इसे खोसला वेंचर्स, पियर वीसी और कन्विक्शन जैसे बड़े निवेशकों से आर्थिक मदद भी मिल रही है। प्रवाह का मकसद सरल है - भारत की बिजली व्यवस्था को आधुनिक बनाना, बिजली कटौती रोकना और संसाधनों का सही इस्तेमाल करना।

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