राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा / Wikimedia commons
राजस्थान सरकार ने 19 नवंबर को राज्य और विदेशों में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक नए विभाग के गठन की घोषणा की। इस विभाग का उद्देश्य देश-दुनिया में बसे Non-Resident Rajasthanis (NRRs) को राज्य के विकास से सीधे जोड़ना और उनकी समस्याओं के समाधान को संस्थागत रूप देना है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नए विभाग का नाम नेशनल एंड इंटरनेशनल प्रवासी राजस्थानी अफेयर्स विभाग रखा गया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब राज्य सरकार पहली बार आयोजित होने वाले राजस्थान प्रवासी दिवस की तैयारियां कर रही है।
सरकार के अनुसार नया विभाग न सिर्फ प्रवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों पर काम करेगा बल्कि उनके लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, संवाद मंच और एक्सचेंज कार्यक्रम भी आयोजित करेगा। इसके अलावा यह विभाग उन नीतियों पर भी काम करेगा जिनके तहत सरकारी योजनाओं के लाभ प्रवासी राजस्थानियों तक पहुंच सकें।
सरकार ने इसे एक दीर्घकालिक रणनीति बताते हुए कहा है कि NRR पॉलिसी प्रवासी समुदाय के साथ लगातार और मजबूत जुड़ाव बनाने का प्रयास है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने नीति दस्तावेज में प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि राजस्थानी दुनिया भर में बसे एक विविध और समृद्ध समुदाय हैं जो संस्कृति, विरासत और अपनी पहचान के गहरे जुड़ाव से राजस्थान से जुड़े रहते हैं। उनकी उपलब्धियां और योगदान राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक ढांचे को लगातार मजबूत करते रहे हैं।
उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी विभाग की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि राजस्थान का लक्ष्य 100 अरब डॉलर के GCC मार्केट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। उन्होंने बताया कि सरकार जयपुर, उदयपुर और जोधपुर को GCC हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम करेगी।
राज्य सरकार ने उम्मीद जताई है कि यह नया विभाग और नीति ढांचा प्रवासी राजस्थानियों के साथ राज्य के संबंधों को अधिक गहरा और प्रभावी बनाएगा।
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