मानवता की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले पहलगाम के मुस्लिम नौजवान आदिल की शहादत पूरी दुनिया के लिए इंसानियत की मिसाल बन गई है।
हाल ही में कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए पाकिस्तानी आतंकवादी हमले के दौरान जब हिंदू समुदाय के लोगों की जान खतरे में थी तब आदिल ने बिना किसी हिचकिचाहट के उनकी जान बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।
सिख्स ऑफ अमेरिका के चेयरमैन सरदार जसदीप सिंह जस्सी ने कहा कि आदिल की शहादत सिर्फ एक परिवार की टूटी हुई दुनिया नहीं, बल्कि साझा मानवता की जीत है। आदिल की इस बेमिसाल बहादुरी को सलाम करते हुए हमारे संगठन ने आदिल के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भिजवाई है।
यह राशि एक व्यक्तिगत सहायता से बढ़कर एक संदेश है कि धर्मों, जातियों और कौमों से ऊपर उठकर और नफ़रत के इस अंधेरे दौर में भी कोई इतना साहस दिखा सकता है। यह दुनिया अभी भी अच्छाई से भरी हुई है।
जसदीप सिंह ने कहा कि हमें आदिल पर गर्व है। उसकी ये कुर्बानी हम कभी नहीं भूलेंगे। यह सहायता उस परिवार के लिए हौसले की एक किरण है, जो आज अपने सिर की छत से भी वंचित हो गया है।
इस अवसर पर आदिल के पिता की आंखों में आंसू और मां की चुप्पी यह बयां कर रही थी कि दुख बहुत गहरा है, लेकिन उन्हें यह गर्व अवश्य है कि उनका बेटा एक बहादुर, न्यायप्रिय और मानवता का निडर सिपाही था।
सिख्स ऑफ अमेरिका ने यह भी ऐलान किया है कि वे भविष्य में भी शहीद आदिल के परिवार की हर प्रकार से मदद के लिए तैयार रहेंगे।
सिख्स ऑफ़ अमेरिका द्वारा भेजा गया यह सिर्फ़ एक चेक नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष प्रेम और साझा इंसानियत की एक मुहर है। आदिल की कुर्बानी हमेशा जीवित रहेगी।
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