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ट्रम्प प्रशासन की सख्ती, 175 से ज्यादा H-1B वीजा फ्रॉड की जांच शुरू

ट्रम्प प्रशासन के इस नए कदम को अमेरिकी श्रम बाजार में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बहाल करने की दिशा में एक कड़ा लेकिन जरूरी सुधार माना जा रहा है।

इस तस्वीर में अमेरिकी झंडा, नकली पासपोर्ट, 100 डॉलर का नोट और H-1B वीजा आवेदन फॉर्म दिखाई दे रहे हैं। (26 सितंबर 2025 की प्रतीकात्मक तस्वीर) / REUTERS/Dado Ruvic/Illustration

अमेरिकी श्रम विभाग ने H-1B वीजा प्रोग्राम के दुरुपयोग को लेकर बड़ी कार्रवाई शुरू की है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बीते दो महीनों में 175 से अधिक मामलों में संभावित धोखाधड़ी की जांच शुरू की गई है। ये सभी जांचें ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल (Project Firewall)’ के तहत की जा रही हैं, जिसे सितंबर 2025 में लॉन्च किया गया था।

ट्रम्प प्रशासन का सख्त कदम: अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा पर फोकस
‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा H-1B वीजा आवेदन शुल्क को 1 लाख डॉलर तक बढ़ाने की घोषणा के बाद शुरू किया गया। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिकी कंपनियां भर्ती के समय अपने देश के नागरिकों को प्राथमिकता दें और वीजा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार न ठहराई जाएं।

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अमेरिकी श्रम मंत्री लोरी शावेज़-डीरेमर (Lori Chavez-DeRemer) ने एक बयान में कहा, ट्रम्प प्रशासन अमेरिकी श्रमिकों की सुरक्षा के अपने वादे पर कायम है। हम आर्थिक प्रभुत्व को फिर स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, और इसके लिए सबसे मूल्यवान संसाधन अमेरिकी श्रमिक की रक्षा जरूरी है।

उन्होंने आगे कहा, हम H-1B वीजा धोखाधड़ी और दुरुपयोग को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसा करके हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उच्च-कौशल वाली नौकरियां सबसे पहले अमेरिकियों को मिलें।

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