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लंदन, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशनों पर हमलों को लेकर जयशंकर ने कही बड़ी बात

विदेश मंत्री जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले साल भारत को कनाडा में वीजा जारी की प्रक्रिया इसलिए रोकनी पड़ी थी क्योंकि हमारे राजनयिकों को बार-बार तरह तरह से डराया जा रहा था, धमकाया जा रहा था।

जयशंकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का ये मतलब नहीं है कि राजनयिकों को धमकाया जाए। / X @DrSJaishankar

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उम्मीद जताई है कि पिछले साल लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास पर हुए हमलों के दोषियों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों को धमकी देने के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।

विदेश मंत्री जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले साल भारत को कनाडा में वीजा जारी की प्रक्रिया इसलिए रोकनी पड़ी थी क्योंकि हमारे राजनयिकों को बार-बार तरह तरह से डराया जा रहा था, धमकाया जा रहा था। कनाडा का प्रशासन इस मामले में बहुत कम कार्रवाई कर रहा था। 

बता दें कि भारत ने सितंबर में कनाडा के नागरिकों को वीजा देने पर अस्थायी रोक लगा दी थी। यह कदम कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित तौर पर भारतीय एजेंटों के शामिल होने के सार्वजनिक आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद उठाया गया था।  हालांकि वीजा सेवाएं कुछ ही हफ्तों के बाद फिर से शुरू कर दी गई थीं। 

भारत सरकार ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज करती रही है। जयशंकर ने कहा कि कनाडा में वीजा जारी करने पर इसलिए रोक लगानी पड़ी थी क्योंकि हमारे राजनयिक वहां काम पर जाने के लिए सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे। उन्हें धमकियां मिल रही थीं और कनाडाई सिस्टम में वह सेफ महसूस नहीं कर रहे थे। एक मंत्री होने के नाते मैं अपने राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकता था। बाद में इस स्थिति में सुधार किया गया। अब वीजा प्रक्रिया भी सामान्य हो चुकी है। 

जयशंकर ने कहा कि हमें उम्मीद हैं कि सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमले के दोषियों को सजा मिलेगी। हम उन लोगों पर कार्रवाई की भी उम्मीद करते हैं जिन्होंने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला किया था। हमें कनाडा में हमारे राजनयिकों को धमकी देने वालों पर कार्रवाई भी भी उम्मीद है।

कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों के बढ़ते हौसले पर जयशंकर ने कहा कि वे लगातार कहते रहे हैं कि वे एक लोकतांत्रिक देश हैं। वहां लोगों को बोलने की पूरी आजादी है। लेकिन आपको समझना होगा कि अभिव्यक्ति की आजादी का ये मतलब नहीं है कि राजनयिकों को धमकाया जाए, उन्हें उनका काम करने से रोका जाए। एंबेसी और कॉन्सुलेट पर स्मोक बम से हमला अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का दुरुपयोग है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। 
 

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