प्रतीकात्मक तस्वीर / file
अमेरिका में बुजुर्गों को निशाना बनाकर रची गई एक बड़े पैमाने की ठगी के मामले में एक भारतीय नागरिक ने फेडरल कोर्ट में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। अभियोजकों के अनुसार यह गिरोह बुजुर्गों को उनकी जीवन भर की जमा-पूंजी को सोने की ईंटों, सिक्कों और नकदी में बदलने के लिए मजबूर करता था। इस फर्जीवाड़े में पीड़ितों को 6 मिलियन डॉलर (लगभग 50 करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ है।
आरोपी 37 वर्षीय सैयद एम. मक्की भारत का नागरिक है। उसने यूएस डिस्ट्रिक्ट जज ग्रेग केज़ के सामने वायर फ्रॉड की साजिश के एक आरोप में दोषी ठहराया। यूएस अटॉर्नी ऑफिस (वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ मिसौरी) के मुताबिक मक्की ने 2023 से मार्च 2024 तक इस ठगी में बतौर कूरियर काम करने की बात स्वीकार की—वह पीड़ितों से सोने की ईंटें और नकदी लेकर गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचाता था।
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कैसे बुजुर्गों को फंसाते थे ठग?
प्ली एग्रीमेंट के अनुसार, ठग सबसे पहले पीड़ितों के कंप्यूटर में मालवेयर इंस्टॉल करते थे, जिसमें एक फोन नंबर दिया होता था। पीड़ित जब उस नंबर पर कॉल करते, तो गिरोह के सदस्य खुद को “माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी, बैंक अधिकारी, सरकारी अफसर या कानून प्रवर्तन अधिकारी” बताकर डराते थे। उन्हें यकीन दिलाया जाता कि उनका बैंक खाता और पहचान हैक हो गई है और उनकी जमा राशि सुरक्षित नहीं है।
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