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H-1B पर ट्रम्प का ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ लागू, क्या पड़ेगा असर

श्रम विभाग के अनुसार, यह पहल विभिन्न संघीय एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय, डेटा साझा करने और उन जॉब पोस्टिंग्स पर कार्रवाई पर केंद्रित है।

प्रतीकात्मक तस्वीर / Pixabay

अमेरिकी श्रम विभाग ने 25 नवंबर को कहा कि उसकी नई पहल ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ ने भेदभावपूर्ण हायरिंग प्रथाओं के खिलाफ संघीय कार्रवाई को और मजबूत कर दिया है। इस कदम को H-1B वीज़ा प्रोग्राम की सख्त निगरानी और अमेरिकी कर्मचारियों के हितों की रक्षा के रूप में देखा जा रहा है।

श्रम विभाग के अनुसार, यह पहल विभिन्न संघीय एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय, डेटा साझा करने और उन जॉब पोस्टिंग्स पर कार्रवाई पर केंद्रित है, जिनमें गैर-कानूनी तरीके से विदेशी कर्मचारियों-विशेष रूप से H-1B वीज़ाधारकों को प्राथमिकता दी जाती है। EEOC (Equal Employment Opportunity Commission) ने भी नए और अपडेटेड दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो नेशनल ओरिजिन के आधार पर होने वाले भेदभाव के खिलाफ कानूनी सुरक्षा को दोहराते हैं। इसमें वे स्थितियां भी शामिल हैं, जहां नियोक्ता केवल H-1B वीज़ा धारकों के लिए ही जॉब विज्ञापन जारी करते हैं।

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श्रम विभाग ने कहा कि प्रोजेक्ट फायरवॉल का उद्देश्य उच्च कौशल वाले अमेरिकी कर्मचारियों के अधिकारों, वेतन और अवसरों की रक्षा करना है और यह सुनिश्चित करना है कि नियोक्ता हायरिंग में योग्य अमेरिकी आवेदकों को प्राथमिकता दें। साथ ही यह वीज़ा प्रोग्राम के दुरुपयोग के मामलों में कार्रवाई भी करता है।

 

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