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भारतीय मैकेनिक से ठगी, कनाडा श्रम न्यायालय ने दिलाया 115 हजार डॉलर मुआवजा

हरमिंदर सिंह 2018 में विजिटर वीजा पर कनाडा आए थे और नौकरी पाने के लिए उन्हे 25000 डॉलर की रकम चुकानी पड़ी थी।

सांकेतिक तस्वीर / Stock image/Pexels

कनाडा में नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार एक भारतीय मैकेनिक को श्रम न्यायालय ने मुआवजा दिलाया है। जानकारी के अनुसार मैकेनिक ने आरोप लगाया था कि उसे रिचमंड, बी.सी. की एक ट्रक रिपेयर कंपनी में नौकरी पाने के लिए 25,000 डॉलर देने के के लिए मजबूर किया गया था। इस पर ब्रिटिश कोलंबिया रोजगार मानक न्यायाधिकरण द्वारा वेतन, दंड और ब्याज के रूप में 115,000 डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया गया है। 

रोजगार मानकों के निदेशक के प्रतिनिधि शैनन कोरेगन ने 70-पृष्ठ के विस्तृत निर्णय में बताया कि कैसे सिंह मार्च 2018 में एक विजिटर वीजा पर कनाडा पहुंचे। इस उम्मीद के साथ कि वे देश में अपना भविष्य बनाएंगे। रहने में रुचि व्यक्त करने के बाद सिंह को उनके चचेरे भाई ने ए जे बॉयल ट्रक रिपेयर लिमिटेड के निदेशक सर्वप्रीत बॉयल से संपर्क कराया। कंपनी ने सिंह को ट्रक मैकेनिक के रूप में पद की पेशकश की।

सिंह ने नौकरी स्वीकार कर ली और कुछ समय के लिए भारत लौटने के बाद जुलाई 2018 में वर्क परमिट के साथ कनाडा में फिर से प्रवेश किया। वह अक्टूबर 2019 तक कंपनी में रहे लेकिन उस सामान्य कार्य व्यवस्था के पीछे शोषण के आरोप छिपे थे। सिंह ने न्यायाधिकरण को बताया कि उन्हें पद सुरक्षित करने के लिए बोयल को 25,000 डॉलर चुकाने थे। यह राशि उन्होंने दो भागों में चुकाई। 

पहले 10,000 डॉलर नकद और फिर 15,000 डॉलर चेक के माध्यम से। उन्होंने अपने चचेरे भाई के माध्यम से बॉयल के एक मित्र को भुगतान किया थी। लेकिन यह गतिविधि सीधे-सीधे ब्रिटिश कोलंबिया के रोजगार मानक अधिनियम का उल्लंघन करती है, जो नियोक्ताओं को रोजगार के बदले में नौकरी चाहने वाले से भुगतान का अनुरोध करने या स्वीकार करने से रोकता है।

कार्यवाही के दौरान कोरेगन ने सिंह की गवाही को बॉयल और उनके कानूनी प्रतिनिधि पीर इंदर पॉल सिंह सहोता की गवाही से ज्यादा विश्वसनीय पाया। सीबीसी न्यूज़ के अनुसार सुनवाई के दौरान बॉयल के आचरण की कड़ी आलोचना की गई, जिसमें कोरेगन ने उनके और सहोता के व्यवहार को 'बाधा डालने वाला', 'गैर-पेशेवर' और 'असंगत' बताया। 

विशेष रूप से तीखे खंड में कोरेगन ने लिखा- श्री बॉयल की गवाही प्रमुख मुद्दों पर विरोधाभासी थी। अपने दावों के नकारात्मक निहितार्थों का सामना करने पर उन्होंने अपने साक्ष्य बदल दिए। उनके कुछ दावे प्रथम दृष्टया अविश्वसनीय थे। उनके कुछ दावे ए जे बॉयल के अपने दस्तावेजी साक्ष्य का खंडन करते थे। 

उन्होंने स्पष्ट रूप से निष्कर्ष निकाला- मुझे लगता है कि श्री बॉयल एक विश्वसनीय गवाह नहीं थे। जहां उनकी गवाही श्री सिंह की गवाही से विरोधाभासी है, मैं श्री सिंह की गवाही को प्राथमिकता देती हूं। न्यायाधिकरण ने अंततः फैसला सुनाया कि सिंह को 115,574.69 डॉलर का भुगतान किया जाना चाहिए। 
 

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