(मोनिका अग्रवाल)
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने इसकी वजह पैसों की कमी को बताया है। निर्मला फिलहाल राज्यसभा की सदस्य हैं।
भाजपा की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण से टाइम्स नाउ समिट में सवाल पूछा गया कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा ने उन्हें तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था। मैंने इस बारे में हफ्ते 10 दिन तक सोचा था। उसके बाद मैंने कहा- शायद नहीं, मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए उस तरह का फंड नहीं है।
निर्मला ने आगे कहा कि मैं चुनाव लड़ने को लेकर अपनी उपयुक्तता को लेकर चिंतित थी। मैंने यह बात उन्हें बताई। मैं बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मेरे तर्क को स्वीकार कर लिया। यही वजह है कि मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूं। सीतारमण ने कहा कि मेरा वेतन, मेरी कमाई और मेरी बचत मेरी है। यह भारत की संचित निधि नहीं है।
वित्त मंत्री ने आगामी आम चुनावों के दौरान पार्टी के अन्य उम्मीदवारों का समर्थन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया के कार्यक्रमों में हिस्सा लूंगी। उम्मीदवारों के साथ जाऊंगी। जैसे कि मैं राजीव चंद्रशेखर के प्रचार के लिए जाऊंगी। मैं प्रचार अभियान में सक्रियता से हिस्सा लूंगी।
बता दें कि निर्मला सीतारमण फिलहाल कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य हैं। 2016 के राज्यसभा चुनावों के दौरान उन्होंने अपने हलफनामे में बताया था कि उनके पास लगभग 2.5 करोड़ रुपये (करीब 299,840 अमेरिकी डॉलर) की कुल संपत्ति है।
भारत में चुनाव लड़ने में कितना खर्च होता है?
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा तय कर रखी है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 95 लाख रुपये (113,946 यूएस डॉलर) तक ही खर्च कर सकता है। इसी तरह विधानसभा चुनाव में बड़ी आबादी वाली सीट के लिए चुनावी खर्च की सीमा 40 लाख रुपये (करीब 47,976 अमेरिकी डॉलर) और छोटी सीट के लिए 20 लाख रुपये (करीब 24 हजार अमेरिकी डॉलर) निर्धारित की गई है।
भारत में अगले महीने से दुनिया के सबसे बड़े चुनावों के लिए मतदान शुरू होगा। इस दौरान 97 करोड़ से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। भारत में सात चरणों में मतदान होना है। पहला चरण 19 अप्रैल से शुरू होगा और अंतिम मतदान 1 जून को होगा। 4 जून को मतगणना होगी।
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