ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

लुइसियाना में भारतीय ने कबूला चाइल्ड पोर्नोग्राफी का जुर्म, हो सकती है 20 साल की सजा

30 वर्षीय अब्दुल शेख को होमलैंड सिक्योरिटी, होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (HSI) के स्पेशल एजेंटों ने न्यू ऑरलियन्स से गिरफ्तार किया था

अब्दुल रऊफ शेख की सजा पर 16 अप्रैल को जिला जज फैसला करेंगे।  / representative image : unsplash

अमेरिका के लुइसियाना में रहने वाले भारतीय नागरिक अब्दुल रऊफ शेख पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और बच्चों के यौन शोषण संबंधी सामग्री रखने का आरोप लगा है। अमेरिकी अटॉर्नी डुआने ए. इवांस ने बताया कि आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

30 वर्षीय अब्दुल शेख कार्निवल क्रूज लाइन्स में काम करता था। उसे पिछले साल जुलाई में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी, होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (HSI) के स्पेशल एजेंटों ने न्यू ऑरलियन्स के एराटो स्ट्रीट क्रूज टर्मिनल से गिरफ्तार किया था। उसके पास बाल यौन शोषण संबंधी सामग्री मिली थी।

अब्दुल के ऊपर यूनाइटेड स्टेट्स कोड के टाइटल 18 की धारा 2252 (ए) (4) (बी) और (बी) (2) के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। कबूलनामे के बाद उसे अधिकतम 20 साल की जेल हो सकती है और ढाई लाख डॉलर तक जुर्माना लगाया जा सकता है। उसे जिंदगी भर निगरानी में रहना पड़ सकता है। उसकी सजा पर 16 अप्रैल 2025 को अमेरिका के जिला न्यायाधीश इवान एलआर लेमेले फैसला करेंगे। 

उसे प्रोजेक्ट सेफ चाइल्डहुड के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह मई 2006 में न्याय विभाग द्वारा बाल यौन शोषण एवं दुर्व्यवहार से निपटने के लिए शुरू की गई एक राष्ट्रव्यापी पहल है। इसके तहत संघीय, राज्य और स्थानीय एजेंसियां समन्वित कार्रवाई करते हुए बाल यौन शोषण पीड़ितों को अपराधियों को चंगुल से छुड़ाती हैं और आरोपियों को गिरफ्तार करती हैं।

अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने इस मामले की जांच में सहयोग देने के लिए अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग, एचएसआई और यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग का आभार जताया। इस केस की पैरवी वित्तीय अपराध इकाई के प्रमुख सहायक अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन एम. क्लेबा कर रहे हैं।
 

Comments

Related