अमेरिका और भारत के बीच लंबे समय से बनाए गए द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत पर बढ़ते व्यापारिक टैरिफ़ और उनकी हालिया बयानबाज़ी को दशकों की प्रगति को खतरे में डालने वाला बताया जा रहा है।
गुरुवार को आयोजित एक हाई-लेवल वर्चुअल सम्मेलन में इंडियन अमेरिकन सांसद रो खन्ना की अध्यक्षता में सिलिकॉन वैली के पायनियर विनोद खोसला, पूर्व अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा और एरिक गार्सेट्टी, उद्यमी और समुदाय के नेताओं ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में चिंता का माहौल था। सभी ने ट्रम्प के बढ़ते टैरिफ़ को आत्मघाती कदम बताया, जिससे भारत का झुकाव रूस और चीन की ओर बढ़ सकता है।
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विनोद खोसला ने कहा, यह कोई साधारण व्यापारिक सौदा नहीं है। यह लंबी अवधि की प्रतिबद्धता है। अगर हम भारत को रूस और चीन के करीब धकेल देंगे, तो इसके परिणाम दशकों तक दिखाई देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि टैरिफ़ प्राकृतिक गठजोड़ को दरार में बदल सकते हैं और BRIC देशों के बीच एक वैकल्पिक वैश्विक मुद्रा का रास्ता खोल सकते हैं, जो डॉलर की स्थिति को चुनौती दे सकती है।
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