पीयूष गोयल / (Photo: IANS)
भारत सरकार ने साफ कहा है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत अच्छी गति से आगे बढ़ रही है लेकिन समझौते के लिए कोई तय समयसीमा नहीं होगी। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि बातचीत केवल तभी पूरी मानी जाती है जब दोनों देशों को समान लाभ मिले। उन्होंने कहा कि डेडलाइन के दबाव में बातचीत नहीं करनी चाहिए। इससे गलतियां होती हैं।
गोयल ने यह टिप्पणी तब की जब अमेरिका के नए डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर दो दिन की दिल्ली यात्रा पर थे।
गोयल ने बताया कि पिछले कई महीनों में पांच दौर की गहन वार्ताएं हो चुकी हैं लेकिन स्विट्जर की यह यात्रा औपचारिक बातचीत का दौर नहीं है। वे नए हैं, पहली बार भारत आए हैं। अभी हम एक-दूसरे को समझ रहे हैं।
दिल्ली में कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल और उप ट्रेड प्रतिनिधि स्विट्जर ने बुधवार को मुलाकात की। दोनों ने चल रही व्यापार वार्ताओं और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। मंत्रालय ने X पर कहा कि बातचीत पारस्परिक लाभ वाले समझौते की दिशा में आगे बढ़ रही है।
अग्रवाल पहले ही कह चुके हैं कि वार्ता के पहले चरण पर समापन के करीब पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि कई वर्चुअल दौर भी हो चुके हैं और बातचीत सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है।
इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी दोनों देशों के रिश्तों पर सकारात्मक संकेत दे चुके हैं। उन्होंने नवंबर में कहा था कि उनकी बातचीत PM मोदी से बहुत अच्छी चल रही है और वे अगले साल भारत आ सकते हैं।
ट्रम्प ने संकेत दिया कि वे भविष्य में भारत पर लगाए गए शुल्क कम कर सकते हैं जिससे समझौते की उम्मीद और बढ़ी है।
भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी व्यापार सौदे में अपने किसानों, डेयरी क्षेत्र और श्रमिकों के हितों से समझौता नहीं करेगा। भारत हाल के महीनों में अमेरिका से ज्यादा तेल और गैस खरीद रहा है ताकि व्यापार संतुलन बेहतर हो सके। यह मुद्दा पहले की बैठकों में भी उठ चुका है।
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