ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

MIT की देबलीना ने विकसित किया इंजेक्टेबल ब्रेन चिप, मिर्गी-स्ट्रोक जैसी बीमारियों में मददगार

इस तकनीक के विकसित होने पर यह पार्किंसंस रोग, मिर्गी, अवसाद (डिप्रेशन) या स्ट्रोक से हुए मस्तिष्क नुकसान में सीधे प्रभावित क्षेत्रों में उपचार पहुंचाने में मदद कर सकती है।

देबलीना सरकार / image provided

भारतीय मूल की MIT की सहायक प्रोफेसर देबलीना सरकार ने एक ऐसा माइक्रोस्कोपिक वायरलेस चिप विकसित किया है, जिसे सीधे खून में इंजेक्ट किया जा सकता है। यह चिप मस्तिष्क तक पहुंचकर ब्लड–ब्रेन बैरियर को पार करती है और प्रभावित स्थानों पर बिना सर्जरी के ही खुद को स्थापित कर लेती है।

यह भी पढ़ें- दूसरी पीढ़ी की जद्दोजहद: पश्चिम में रहते हुए भारतीय सांस्कृतिक पहचान बचाने की चुनौती

सरकार ने इस रिसर्च को 'सर्कुलेट्रॉनिक्स' नाम दिया है और इसका विवरण नैनो लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस तकनीक में सौ माइक्रोमीटर से भी छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग किया गया है, जो शरीर की सूक्ष्म रक्त नालियों के माध्यम से आसानी से यात्रा कर सकते हैं। ये उपकरण प्राकृतिक रूप से मस्तिष्क में सूजन या चोट की ओर जाने वाले प्रतिरक्षा कोशिकाओं जैसे न्यूट्रोफिल या मोनोसाइट्स के साथ 'हिच राइड' करते हैं।

This post is for paying subscribers only

SUBSCRIBE NOW

Comments

Related

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video