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भारत की नई योजना: रेयर डिजीज की दवाइयां होंगी सस्ती

भारत की यह पहल न सिर्फ घरेलू मरीजों के लिए उम्मीद जगाती है, बल्कि दुनिया के लिए भी किफायती और जटिल उपचारों की नई दिशा खोल सकती है।

दवाईयां / pexles

भारत सरकार अब रेयर डिजीज (दुर्लभ बीमारियों) की दवाइयों को सस्ता और सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। एक नई इनोवेशन स्कीम के तहत सरकार शोध और दवाइयों की उपलब्धता को प्राथमिकता देगी। फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव अमित अग्रवाल ने बताया कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के चलते कुछ रेयर डिजीज की दवाइयों का खर्च पहले ही 95% से ज्यादा घट चुका है।

दवा की कीमतों में भारी कमी
गौशेर्स डिजीज की दवा Eliglustat की सालाना थेरेपी लागत अब 3–6 लाख रुपये रह गई है, जो पहले 1.8–3.6 करोड़ रुपये थी। Wilson’s Disease के लिए Trientine, Tyrosinemia Type 1 के लिए Nitisinone और Lennox–Gastaut Syndrome के लिए Cannabidiol जैसी दवाएं भी इस स्कीम में शामिल हैं।

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1 में से 20 लोग प्रभावित
अमित अग्रवाल का कहना है कि रेयर डिजीज भले ही व्यक्तिगत रूप से कम दिखें, लेकिन सामूहिक रूप से यह हर 20 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करती हैं। इसलिए यह सिर्फ मेडिकल नहीं, बल्कि समावेशन का सवाल भी है।

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