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भारत की इकोनॉमी में रिकॉर्ड रफ्तार, प्राइवेट सेक्टर ने तोड़ा 18 साल का रिकॉर्ड

सर्वे के मुताबिक, आने वाले साल को लेकर उम्मीदें मार्च के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर हैं।

भारत के अहमदाबाद में एक घरेलू फर्नीचर निर्माण फैक्ट्री के अंदर लोहे के गेट को घिसाई करता हुआ मजदूर (1 जुलाई 2016 की तस्वीर) / REUTERS/Amit Dave/ File Photo

भारत की अर्थव्यवस्था ने अगस्त में ऐसा दम दिखाया, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। प्राइवेट सेक्टर की गतिविधियां रिकॉर्ड गति से बढ़ीं, जिसकी वजह मजबूत मांग और सर्विस सेक्टर की शानदार ग्रोथ रही।

HSBC और S&P Global के फ्लैश इंडिया कंपोज़िट PMI सर्वे के मुताबिक अगस्त में इंडेक्स 65.2 तक पहुंच गया, जो जुलाई के 61.1 से कहीं ज्यादा है। यह अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है, जबसे दिसंबर 2005 में यह सर्वे शुरू हुआ था। लगातार 49वें महीने इंडेक्स 50 से ऊपर रहा, यानी अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है।

सर्विस सेक्टर सबसे आगे
रिकॉर्ड ग्रोथ का सबसे बड़ा योगदान सर्विस सेक्टर का रहा, जिसका इंडेक्स 65.6 के सर्वे-हाई स्तर पर पहुंच गया। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने भी मजबूत प्रदर्शन किया और उसका PMI 59.8 दर्ज हुआ, जो जनवरी 2008 के बाद सबसे ज्यादा है।

यह भी पढ़ें- ट्रम्प के टैरिफ का झटका: US से लेकर वैश्विक अर्थव्यवस्था तक हलचल

मांग और नए ऑर्डर्स में उछाल
सर्वे के मुताबिक, नए ऑर्डर्स में लगभग 18 साल का सबसे तेज उछाल देखने को मिला। इससे कंपनियों ने उत्पादन और हायरिंग दोनों बढ़ाई।

कीमतों में बढ़ोतरी
हालांकि, बढ़ती मांग के साथ कंपनियों ने लागत का बोझ ग्राहकों पर भी डाला। आउटपुट प्राइस इंडेक्स 12 साल की ऊंचाई पर पहुंच गया। यह आधिकारिक आंकड़ों में हाल ही में दिखी कम महंगाई (1.55%) के विपरीत है।

आगे की उम्मीदें
रिजर्व बैंक ने महंगाई को 2-6% के दायरे में रखने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल उसने ब्याज दरों में कटौती रोक रखी है, लेकिन अगले क्वार्टर में और कटौती की संभावना जताई जा रही है। कंपनियां भविष्य को लेकर भी आत्मविश्वास से भरी हैं। सर्वे के मुताबिक, आने वाले साल को लेकर उम्मीदें मार्च के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर हैं।

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