प्रोफेसर शैली गुप्ता / image provided
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की भारतीय मूल की एसोसिएट प्रोफेसर शैली गुप्ता ने डॉक्टरों की ट्रेनिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को सही तरीके से जोड़ने के लिए एक नया और विशेष प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम का नाम है- एआई एंड इनोवेशन इन मेडिसिन डिस्टिंग्शन पॉथवे(AIMDP)।
शैली गुप्ता येल इंटरनल मेडिसिन ट्रेडिशनल रेसिडेंसी प्रोग्राम की एसोसिएट प्रोग्राम डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने यह कोर्स इसलिए तैयार किया है ताकि युवा डॉक्टर और रेजिडेंट्स नई तकनीकों को समझकर, सोच-समझकर और आत्मविश्वास के साथ इस्तेमाल कर सकें।
प्रोग्राम में क्या सिखाया जाएगा?
इस पाठ्यक्रम में डॉक्टरों को इन चीज़ों की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें कोडिंग की बेसिक जानकारी, बड़े लैंग्वेज मॉडल (Large Language Models) कैसे काम करते हैं, मेडिकल केयर, रिसर्च और शिक्षा में AI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल, AI टूल्स की विश्वसनीयता को कैसे परखा जाए और कब AI के नतीजों पर भरोसा करना है और कब सवाल उठाना है, शामिल है।
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गुप्ता का मानना है, “AI का आउटपुट उतना ही अच्छा होता है जितना अच्छा इनपुट दिया जाए।” उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं कि डॉक्टर्स यह सीखें कि AI को कैसे सही सवाल पूछें और कैसे उसके नतीजों को क्रिटिकली सोचकर उपयोग करें।
विशेषज्ञ भी जुड़ेंगे
इस कोर्स में मेडिसिन, कानून, कंप्यूटर साइंस, डिजिटल एथिक्स और डेटा साइंस से जुड़े कई विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, जो अलग-अलग सेशन्स लेंगे। इससे रेजिडेंट्स को कई क्षेत्रों का व्यापक और व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।
गुप्ता की बड़ी सोच
यह प्रोग्राम गुप्ता की उस व्यापक दृष्टि का हिस्सा है, जिसमें वे चाहते हैं कि अलग-अलग प्रोफेशन के लोग साथ आएं और भविष्य के डॉक्टरों को यह सिखाएं कि AI का इस्तेमाल जिम्मेदारी और समझदारी से कैसे किया जाए।
येल में शुरू हुआ यह प्रोग्राम आने वाले समय में डॉक्टरों की ट्रेनिंग में AI की भूमिका को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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