भारतीय के GST परिषद को कर दरों के सुझाव देने वाले प्रमुख पैनल ने 46,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर उपभोक्ता शुल्क में भारी वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। मोदी सरकार के इस कदम से भारत में टेस्ला, मर्सिडीज-बेंज, BMW और BYD जैसी कार निर्माताओं की बिक्री प्रभावित हो सकती है। जबकि शैंपू से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, बहुत कुछ सस्ता हो सकता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में फिलहाल भारत का बाजार छोटा है। यहां इस साल अप्रैल से जुलाई तक हुई कारों की कुल विक्री में से 5% इलेक्ट्रिक वाहन बिके। हलांकि इस क्षेत्र में तेजी से विकास की संभावनाएं बढ़ रही हैं। अप्रैल से जुलाई के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि की बात करें तो इसमें 93% बढ़त के साथ 15,500 EVs की बिक्री हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी परिषद को सुझाव देने के लिए गठित पैनल की सिफारिशों को लेकर एक दस्तावेज में कहा गया, "इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है और 5% की कम दर इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए है, लेकिन इस बात का संकेत देना भी जरूरी है कि ज्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर अधिक कर लग सकता है।"
पैनल सुझाव के बाद GST काउंसिल के पास क्या है विकल्प?
पैनल ने 20 लाख से 40 लाख रुपये ($23,000-$46,000) की कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर वर्तमान 5% से बढ़ाकर 18% करने की सिफारिश की। इसके अलावा 46,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर कर बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव रखा है।
लेकिन मोदी सरकार ने इसके साथ ही 28% कर की दर को पूरी तरह से समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिससे जीएसटी परिषद के पास इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर को बढ़ाकर 18% करने, या उन्हें कुछ लक्जरी वस्तुओं के लिए निर्धारित 40% कर श्रेणी में रखने का विकल्प बचा है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह बात एक भारतीय सरकारी सूत्र के हवाले से कही गई। बता दें की भारत के GST काउंसिल का नेतृत्व केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और जिसमें सभी भारतीय राज्यों के सदस्य हैं - प्रस्तावों की समीक्षा के लिए 3-4 सितंबर को बैठक कर रही है, और निर्णय लेने का अंतिम अधिकार इसके पास है।
यह भी पढ़ें: कैलिफोर्निया गवर्नर का ट्रम्प पर तंज: भारत-चीन-रूस करीब, आपने नेशनल गार्ड भेजे
शेयर बाजार पर रिपोर्ट का दिखा असर
हालांकि GST काउंसिल के सचिवालय ने जीएसटी दरों में संभावित वृद्धि को लेकर रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। लेकिन इस खबर के बाद निफ्टी ऑटो इंडेक्स नकारात्मक हो गया और 0.5% तक गिर गया, जबकि स्थानीय वाहन निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा लगभग 3% और टाटा मोटर्स 1.2% गिर गए।
20 लाख या उससे ऊपर की इलेक्ट्रिक कारों को लेकर प्रस्ताव
माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि 20 लाख रुपये से ऊपर के इलेक्ट्रिक वाहनों पर भारी टैक्स की पेशकश की गई है। जिससे हाई क्वालिटी के वाहनों का निर्माण करने वाली कंपनियों को अधिक नुकसान होने की संभावना है।
बता दें कि टेस्ला ने हाल ही में भारत में अपना मॉडल Y 65,000 डॉलर की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया है। इस कंपनी की कारों को क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और BYD कंपनियों की लग्जरी इलेक्ट्रिक कारें भी हाई क्वालिटी की होती हैं।
जुलाई की बुकिंग अब तक टेस्ला नहीं की डिलीवर
इलेकक्ट्रिक कारों के निर्माण की बात करें तो जुलाई में, टाटा मोटर्स लगभग 40% बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार में सबसे आगे थी, जबकि महिंद्रा के पास 18% हिस्सेदारी है। वहीं BYD के पास 3% बाजार हिस्सेदारी है, मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू की संयुक्त हिस्सेदारी 2% है। बता दें कि टेस्ला भारत में कारों को एक्सपोर्ट करने के लिए बुकिंग तो ले रही है, लेकिन अब तक डिलीवरी शुरू नहीं हो पाई है।
यह भी पढ़ें: ऑनलाइन गेमिंग कानून: भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी जीत
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login