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पूर्व गूगल इंजीनियर ने भारत के भविष्य पर छेड़ी बहस, नेट पर हलचल

दास ने अपनी पोस्ट में पुलिस, सरकार, बुनियादी ढांचे और न्यायपालिका में विफलताओं को प्रमुख कारण बताते हुए युवा भारतीयों के बीच बढ़ती निराशा को उजागर किया है।

देबर्घ्य दास पूर्व-गूगल इंजीनियर हैं। / X/@deedydas

पूर्व गूगल इंजीनियर और जाने-माने तकनीकी इन्फ्लूएंसर (प्रभाव डाले वाला) देबर्घ्य दास ने कहा है कि युवा भारतीय देश में विश्वास खो रहे हैं। बकौल दास सोशल मीडिया पोस्ट ने नेटिजंस को विभाजित कर दिया है। X पर साझा की गई दास की टिप्पणियां वायरल हो गई हैं और देश के भविष्य के बारे में उनकी चिंताओं को साझा करने वाले कई लोगों के साथ जुड़ गई हैं।  

दास ने युवा भारतीयों के बीच बढ़ते मोहभंग को व्यक्त किया और पुलिस, सरकार, बुनियादी ढांचे और न्यायपालिका में विफलताओं को प्रमुख कारण बताया। उन्होंने लिखा कि युवा नागरिक देश में विश्वास खो रहे हैं। इससे पता चलता है कि विश्वास के इस क्षरण ने कई लोगों को विदेश में अवसरों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया है।

ऐसा पहली बार नहीं है जब दास ने भारत की स्थितियों की आलोचना की है। उन्होंने पहले सवाल किया था कि कई अनिवासी भारतीय (NRI) कहीं और रहना पसंद करते हुए देश की प्रशंसा क्यों करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप इसमें (भारत) नहीं रह रहे हैं तो ऐसा व्यवहार करना कि यह दुनिया की सबसे अच्छी जगह है कपटपूर्ण है।

दास की हालिया टिप्पणी कई हाई-प्रोफाइल घटनाओं के मद्देनजर आई है। जैसे कि कोलकाता डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले की गलत हैंडलिंग और एनईईटी परीक्षा के स्थगन को लेकर भ्रम। उनका सुझाव है कि ये मुद्दे भारत को उन लोगों के लिए भी कम आकर्षक बना रहे हैं जो यहां रहना पसंद करेंगे।

दास की पोस्ट पर सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने उनकी भावनाओं को दोहराया, भारत की संघर्षरत कानून व्यवस्था, बिगड़ते बुनियादी ढांचे और बढ़ती मुद्रास्फीति को उन कारणों के रूप में इंगित किया जिनकी वजह से विदेश में जीवन अधिक आकर्षक लगता है। कुछ लोगों ने प्रणालीगत अक्षमताओं और शासन की चुनौतियों को भी इस विश्वास की हानि के कारकों के रूप में उजागर किया।

हालाँकि, हर कोई सहमत नहीं था। उपयोगकर्ताओं के एक वर्ग ने भारत का बचाव किया और तर्क दिया कि हर देश की अपनी कमियां होने के बावजूद चुनौतियों का अपना परिदृश्य होता है। 


 

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