अमेरिका के सांसदों ने चीन के लड़ाकों की यूक्रेन युद्ध में मौजूदगी को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग से आग्रह किया है कि वह रूस द्वारा चीनी लड़ाकों के उपयोग पर उन्हें ब्रीफ करे। सांसदों का कहना है कि चीन की मंजूरी के बिना यह संभव नहीं है कि उसके नागरिक रूस की सेना के लिए लड़ें।
क्या है मामला?
यूक्रेन ने अप्रैल की शुरुआत में दो चीनी नागरिकों को पकड़ा, जो रूस की ओर से लड़ रहे थे। यूक्रेन का दावा है कि कम से कम 155 चीनी लड़ाके रूसी सेना में शामिल हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस जानकारी की पुष्टि की है, लेकिन कहा है कि ये लोग सरकारी नहीं, बल्कि भाड़े के सैनिक हैं।
अमेरिकी सांसदों की मांग
प्रतिनिधि सभा की "चीन पर चयन समिति" ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र भेजा। समिति के चेयरमैन जॉन मूलनार (रिपब्लिकन) और वरिष्ठ डेमोक्रेट राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, 'चीन की सख्त सामाजिक निगरानी के तहत रूस द्वारा चीनी नागरिकों की भर्ती कम्युनिस्ट पार्टी की कम-से-कम मौन स्वीकृति के बिना नहीं हो सकती।' उन्होंने पूछा कि क्या अमेरिका ने इस मुद्दे पर चीन से बात की है और क्या कार्रवाई की जा रही है?
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चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने इन आरोपों को "बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना" बताया। उसने खुद को शांति वार्ता का पक्षधर बताया, लेकिन रूस के आक्रमण की आलोचना नहीं की है। बीजिंग का दावा है कि वह "तटस्थ" है, जबकि चीन और रूस ने एक "नो लिमिट्स" साझेदारी घोषित कर रखी है।
रूस को चीन से समर्थन
चीन ने रूस को ड्रोन और हथियारों के पुर्जों जैसी दोहरी-उपयोग सामग्री दी है। रूस कथित तौर पर सोशल मीडिया के जरिए चीनी युवाओं की भर्ती कर रहा है, और ज़ेलेंस्की का दावा है कि चीन को इसकी जानकारी है।
सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से आग्रह किया है कि वह चीन से यूक्रेन से अपने नागरिकों को तुरंत वापस बुलाने की मांग करे। रूस को सैन्य समर्थन देने के लिए चीन को जवाबदेह ठहराए।
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